Uttar Pradesh

Kanpur News: प्रदूषण कर रहा लोगों की आंखों पर हमला, युवा ही नहीं बच्चे भी हो रहे हैं प्रभावित



रिपोर्ट :- अखंड प्रताप सिंहकानपुर. कानपुर शहर देश में सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है . शहर का बढ़ता प्रदूषण जहां एक और स्वास रोगियों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है. तो वहीं अब शहर का बढ़ता प्रदूषण नेत्र रोगियों के लिए भी हानिकारक होता जा रहा है. शहर के प्रदूषण से आंखों में होने वाली बीमारियों में वृद्धि देखने को मिल रही है. लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से मोतियाबिंद ,आंखों में सूखापन, कंजेक्टिवाइटिस और ग्लूकोमा के मरीज बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं.कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के विभाग की प्रोफेसर डॉ. शालिनी मोहन ने बताया कि पॉल्यूशन मुख्य रूप से 2 तरीके के होते हैं. एक बाहरी पॉल्यूशनऔर एक इंटरनल यह दोनों सेहत के लिए हानिकारक है. खासकर इनका प्रभाव आंखों पर भी बहुत बुरा पड़ता है. यह सीधे आंखों की ऑप्टिक नर्व पर अटैक करते हैं. जिसकी वजह से युवाओं ही नहीं बल्कि बच्चों पर भी नेत्र दोष की समस्या बढ़ रही है.60 मरीज रोजाना पहुंच रहे अस्पतालकानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल में भी रोजाना आंखों की समस्या को लेकर 50 से 60 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं. उनमें मुख्य रूप से प्रदूषण के कारण आंख में पानी बनाने वाली कोशिकाएं प्रभावित मिल रही है. डॉ शालिनी मोहन ने बताया कि वातावरण में उड़ रही धूल के कारण कॉर्निया के जख्म के मामले के सामने आ रहे हैं . वही एक्सटर्नल पोलूशन जैसे कि वाहनों से निकलने वाला धुआं और फैक्ट्रियों के धुएं की वजह से कंजेक्टिवाइटिस मोतियाबिंद आंखों में सूखापन और ग्लूकोमा की समस्या सामने आ रही है.बच्चों की आंखों पर भी पड़ रहा है असरबच्चों की आंखों पर भी प्रदूषण का बुरा असर पड़ रहा है. अमूमन ज्यादा उम्र में होने वाले आंखों के रोग अब बेहद कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रहे हैं. जिसकी मुख्य वजह पोलूशन ही है. जिस वजह से बच्चे भी अपडेट कम उम्र में आंखों की क्रॉनिकल बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं .मेडिकल कॉलेज में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें कम उम्र के बच्चों में ग्लूकोमा ,मोतियाबिंद जैसे शिकायत देखने को मिली है.स्मोकिंग से भी रहे दूरस्मोकिंग से भी आंखें प्रभावित हो रही हैं. ज्यादा स्मोकिंग करने वालों के संपर्क में रहने से भी आंखों पर असर पड़ता है. ऐसे में डॉक्टर का कहना है कि पॉल्यूशनतो खुद को बचाना चाहिए और स्मोकिंग से भी दूर रहना चाहिए. वही आंखों की कोई भी समस्या होने पर फौरन डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए कोई भी दवा ऐसे आंखों में इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए डॉक्टरी परामर्श लेने के बाद ही दवा का इस्तेमाल करना चाहिए.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 07, 2023, 19:39 IST



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