Uttar Pradesh

सहारनपुर में TV को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य, निश्चय एप से हर मरीज पर रखी जाएगी नजर



निखिल त्यागीसहारनपुर: स्वास्थ्य विभाग ने टीबी की बीमारी के लिए सरकारी अस्पतालों में अलग से क्षय रोग विभाग बनाया हुआ है. जिसमें टीवी रोगी की तमाम जांच करके चिकित्सक द्वारा रोगी का इलाज किया जा रहा हैं. इस बीमारी से ग्रसित रोगियों को दवाई के साथ-साथ खानपान संबंधी परामर्श भी चिकित्सक द्वारा दिया जाता है. सरकार द्वारा अब जियो टैगिंग द्वारा भी रोगियों के इलाज की दवाइयों को समय से उपलब्ध कराने की पारदर्शिता की जांच की जा रही है. जियो टैगिंग के माध्यम से अधिकारी घर बैठे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को टीबी की दवा समय से मिल रही या नहीं, यह सुनिश्चित कर सकते हैं.

जियो टैगिंग के माध्यम से अधिकारी इस बात की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि जनपद के किस क्षेत्र में मरीजों की संख्या अधिक तो नहीं हैं. इस टेक्नोलॉजी से जहां स्वास्थ्य विभाग को आसानी से जानकारी उपलब्ध हो रही है. वहीं मरीजों के इलाज मिलने में भी पारदर्शिता नजर आ रही है. जियो टैगिंग के माध्यम से मिले आंकड़ों के अनुसार जनपद में टीबी के करीब छह हजार मरीज हैं.

2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्यजिला क्षय रोग अधिकारी सर्वेश कुुमार सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और इसमें सभी का सहयोग बेहद आवश्यक है. सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि सहारनपुर में वास्तविक टीबी मरीजों की जानकारी होना बहुत आवश्यक है. इस काम में जियो टैगिंग टेक्नोलॉजी स्वास्थ्य विभाग के लिए अहम भूमिका निभा रही है.

ये संस्थाएं टीबी मरीजों को ले रही है गोदजिला क्षय रोग अधिकारी सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि टीबी रोगियों का इलाज चलने तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपये दिए जाते हैं. यह रकम सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा टीबी रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम भी निरंतर चल रहा है. जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी संस्थाओ व स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से टीबी मरीजों को पोषण की सहायता उपलब्ध कराई जाती है.

उन्होंने बताया कि जियो टैगिंग के तहत निक्षय एप पर मरीज का पूर्ण विवरण एवं लोकेशन अपडेट की जाती है, इसका मुख्य कारण है कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से मरीजों के स्वास्थ्य पर संबंधित अधिकारियों व चिकित्सकों की नजर रहती है. उन्होंने बताया कि विभागीय स्वास्थ्य कर्मी की लोकेशन से इस बात का भी पता किया जा सकता है कि टीबी रोगी तक स्वास्थ्य सुविधाएं समय से पहुंच रही है या नहीं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Saharanpur news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : January 07, 2023, 21:00 IST



Source link

You Missed

इतिहास प्रेमियों के लिए खजाना है बरेली का ये कॉलेज! जानिए क्यों है खास?
Uttar PradeshSep 22, 2025

अखबार: अल्मोंड का सही तरीके से सेवन कैसे करें? आयुष डॉक्टर से जानें कब और कितने अल्मोंड खाने चाहिए?

बादाम सेवन का सही तरीका: आयुष चिकित्सक से जानें कब और कितनी मात्रा में करना चाहिए बादाम का…

Cops Nab 2 More for Siphoning Off CMRF
Top StoriesSep 22, 2025

पुलिस ने मुख्यमंत्री राहत कोष से हुए घोटाले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

हैदराबाद: जुबीली हिल्स पुलिस ने रविवार को मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) के चेकों की चोरी के मामले में…

Kristen Bell reveals biohacking fiber trick that helps control blood sugar
HealthSep 22, 2025

क्रिस्टन बेल ने खुलासा किया है कि कैसे बायोहैकिंग फाइबर का ट्रिक ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है

क्रिस्टन बेल की जीवनशैली में एक अनोखा बदलाव क्रिस्टन बेल एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं जिन्होंने अपनी जीवनशैली में…

Scroll to Top