Uttar Pradesh

MEERUT: अब ग्रामीण क्षेत्र में भी युवाओं के सपने होंगे साकार, तेजी से तैयार हो रहीं हाईटेक लाइब्रेरी



रिपोर्ट- विशाल भटनागर, मेरठमेरठ. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख का अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. जहां पहले युवाओं को कंपटीशन सहित अन्य प्रकार की तैयारियों के लिए शहर जाना पड़ता था. ताकि वह लाइब्रेरी के शांत वातावरण में तैयारी कर सकें. लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्र में ही लाइब्रेरी तैयार करवा कर युवाओं को भविष्य बनाने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. इतना ही नहीं यहां तैयार लाइब्रेरी शहरी क्षेत्रों सी लाइब्रेरियों से तनिक भी कम नहीं हैंदरअसल मेरठ मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने चार्ज संभालने के बाद से ही ग्रामीण क्षेत्रों में लाइब्रेरी खोलने को लेकर सक्रियता से कार्य किया है. उसी का परिणाम है कि, मेरठ में लगभग 300 ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी खुल चुकी हैं.जिनमें छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर 450 से ज्यादा ग्राम पंचायत भवनों में इस तरह की लाइब्रेरी खोलने की योजना है. जिस काम काफी तेजी से किया जा रहा है. सीडीओ शंशाक चौधरी का कहना है कि युवाओं को हर तरीके से टेक्नॉलॉजी आधारित हाईटेक लाइब्रेरी मिले. इसी को लेकर कार्य किया जा रहा है.प्रधान और सचिव दे रहें सपनों को उड़ानग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो ग्राम प्रधान और संबंधित सचिव ग्राम पंचायतों में हाईटेक लाइब्रेरी बनाने के लिए कार्य में लगे हुए हैं. अगर कहा जाए तो लाइब्रेरी बनाने में भी कॉन्पिटिशन चल रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में कितनी बेहतर लाइब्रेरी बनाई जाए. यही कारण है कि, समयपुर की लाइब्रेरी सभी को पसंद आ रही है. लाइब्रेरी में सुविधा की बात की जाए तो जहां कंपटीशन के लिहाज से सभी किताबें मौजूद हैं. वही युवाओं को नोट्स उपलब्ध कराने में भी कार्य किया जा रहा है. जिसे हर युवा अपने सपने को साकार कर सकें.इस पहल की स्वागत कर रहे युवासमयपुर ग्रामसभा के प्रधान सुभाष चंद सैनी का कहना है कि, युवाओं से वार्ता कर जो अन्य सुविधाएं इस लाइब्रेरी में होनी चाहिए उन सभी की भी व्यवस्था कराई जाएगी. वही रवि, ज्योति सहित अन्य युवाओं का कहना है कि, पहले उन्हें अध्ययन करने के लिए मेरठ प्राइवेट लाइब्रेरी में जाना पड़ता था. जिसके कारण ₹500 महीने की फीस और आने जाने में किराया और समय भी बर्बाद होता था.लेकिन अब उन्हें गांव में ही यह सुविधा मिल रही है.बताते चलें कि पहले ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को भी शहर में आकर ही प्राइवेट लाइब्रेरी में पढ़ना पड़ता था. जिसके लिए उनसे मोटी फीस भी वसूली जाती थी. वही गांव से आने जाने में भी लगभग एक से दो घंटे खराब हो जाते थे. ऐसे में अब उनके समय की भी बचत हो रही है. गांव में ही लाइब्रेरी में पढ़ने का अवसर मिल रहा है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 17, 2022, 10:16 IST



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