लखनऊ. यूं तो नजाकत, नफासत और अदब का शहर लखनऊ अपनी ऐतिहासिक मंदिरों, इमारतों और पकवानों के लिए दुनिया भर में मशहूर है. इसी लखनऊ के अलीगंज में एक बेहद प्राचीन हनुमान मंदिर है जिसका इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है. इसके बारे में कहा जाता है कि जब सीता माता को लक्ष्मण जी वनवास छोड़ने जा रहे थे तो शाम हो जाने की वजह से सीता जी ने यहां विश्राम किया था. लक्ष्मण जी लक्ष्मण टीला चले गए थे जबकि हनुमान जी सीता मां की रक्षा के लिए यही पर मौजूद थे. तभी से इसे सिद्ध पीठ कहा जाने लगा. यहां की महिमा से अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह भी इतना ज्यादा प्रभावित हुए थे कि वो अपनी बेगम के साथ इस मंदिर में आते थे और यहां पर भंडारे करते थे.इसके साथ ही बंदरों को चना खिलाया करते थे. लखनऊ के इतिहासकार डॉ. योगेश प्रवीण जो कि अब हमारे बीच में नहीं रहे उन्होंने अपनी किताब लखनऊ नामा में इस मंदिर का जिक्र करते हुए लिखा है कि नवाब वाजिद अली शाह यहां की महिमा से प्रभावित थे. उन्होंने इस मंदिर का सौंदर्यीकरण कर इस मंदिर के ऊपर चांद लगवाया था जो कि आज भी मंदिर के शिखर पर मौजूद है.इतना ही नहीं नवाब वाजिद अली शाह की बेगम ने बड़े मंगल पर यहां से भंडारे की शुरुआत की थी जो हर साल लखनऊ के जेठ महीने में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. इस मंदिर में बजरंगबलीका मुख उत्तर दिशा की ओर है. प्रतिदिन यहां पर सैकड़ों की संख्या में भक्त आते हैं. इस मंदिर की परिक्रमा करना बेहद शुभ माना जाता है.1783 में हुआ था निर्माणइस मंदिर के महंत गोपालदास ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण 1783 में किया गया था. यह मंदिर विग्रह स्वयंभू है. यहां साक्षात हनुमान जी विराजमान हैं. इतना ही नहीं ऐसा कहा जाता है कि यहां के एक महंत को निर्माण कार्य के वक्त हनुमान जी ने साक्षात दर्शन दिए थे तभी से इसे सिद्ध पीठ मानते हैं. भक्त विजय कुमार ने बताया कि वह कई सालों से यहां पर आ रहे हैं और प्रभु उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.मंदिर बंद और खुलने का टाइमयह मंदिर सुबह 5:00 बजे खुल जाता है. दोपहर में 12:00 बजे बंद हो जाता है.फिर शाम को 4:00 बजे खुल जाता है और रात 10:00 बजे बंद हो जाता है. यहां पर आरती सुबह 9:00 बजे और रात में भी 9:00 बजे ही होती है. हनुमान जी के अलावा यहां पर राम दरबार और सरस्वती मां विराजित हैं.यहां के वरिष्ठ महंत की भी यहां पर मूर्ति है. इसके अलावा यहां पर साईं बाबा और नीम करोली बाबा भी विराजमान हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 12, 2022, 12:43 IST
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