आपातकाल में ज्यादातर नेताओं को राजनीतिक कैदी का दर्जा देकर जेल में अच्छे ढंग से रखा जाता था. इसके उलट आजम उन लोगों में शामिल थे, जिन्हें पांच गुणा आठ फीट की कोठरी में डाल दिया गया था. इस कोठरी में रोशनी तक नहीं होती थी. बाद में छात्र नेता होने के नाते उन्हें जेल में बी क्लास सुविधा मिलने लगी. उनके बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर के स्वार से विधायक हैं.
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