बस्ती: ईश्वर के चमत्कारी रुप की चर्चा हमेशा होती रहती है. भक्त भी अपनी मुराद लेकर भगवान के पास ही जाता है. समय समय पर देखने और सुनने को भी मिलता ही रहता है. आज हम आपको ऐसे ही एक चमत्कारी मंदिर के बारे में बताएंगे. जो बस्ती जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर कुवानों नदी के तट पर स्थित है. भगवान शिव का यह एक प्रसिद्ध मंदिर है. जिसका नाम भादेश्वर नाथ है. आइये जानते है इस मंदिर की खासियत.मन्दिर के पुजारी सुशील गिरि ने बताया. आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व की बात है. जब चोर भगवान शिव के शिवलिंग को चुराने के लिए मन्दिर परिसर में बैल गाड़ी के साथ आए थे. जैसे ही उन लोगों ने भगवान शिव के शिवलिंग को ले जाने के लिए खुदाई करना शुरु किया. तो उसमें से दिव्य ज्योति के साथ साथ जहरीली मधुमक्खियां निकलने लगी और उनको काटने लगी. जिससे भयभीत होकर चोर वहां से भागने लगे और मन्दिर के पास ही गिर गए. कुछ लोग पास में ही स्थित कुवानों नदी में गिर के मर गए. बाद में श्रापित होकर सभी चोर और बैलगाड़ी सभी पत्थर हो गए. वो पत्थर आज भी मौजूद है.शिवलिंग पर चोट के निशानमन्दिर के अन्य पुजारी जय प्रकाश गिरि ने बताया. जब चोर शिवलिंग की खुदाई कर रहे थे तो कुछ चोटे शिवलिंग पर भी आई थी. जिसका निशान आज भी शिवलिंग पर विद्यमान है. उन्होंने आगे बताया कि हमारे पूर्वज बताते थे कि यहां पहले चार चोर, दो बैल और बैलगाड़ी का पत्थर रुप विद्यमान था. लेकिन धीरे-धीरे शिवलिंग की लम्बाई बढ़ने से मन्दिर की ऊंचाई भी बड़ी. जिससे अब सिर्फ बैलगाड़ी का एक पहिया और एक बैल ही स्मृति मात्र बचे हैं.दूर दूर से आते है लोगभादेश्वर नाथ गांव के निवासी लवकुश ने बताया. पत्थर के बैल और बैलगाड़ी के पहिया का दर्शन करने के लिए देश के हर कोने से लोग आते हैं. भगवान भादेश्वर नाथ के महिमा को देख कर लोग आश्चर्य चकित हो जाते है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 06, 2022, 14:24 IST
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