Uttar Pradesh

Amethi News: किसी प्राचीन धरोहर से कम नहीं अमेठी का राजघराना, जानिए क्या है दिलचस्प इतिहास?



आदित्य कृष्ण/अमेठी. राजनीति का गढ़ कहा जाने वाला अमेठी पुरानी सभ्यताओं संस्कृतियों को भी मजबूत करने में शुमार है. इसी पुरानी विरासत में शामिल है अमेठी का राजघराना. राज परिवार का राजनीति से लेकर सामाजिक सरोकार से सीधा ताल्लुक रहा है और अब तक कई पीढ़ियों ने राजघराने की विरासत को संभाला. अब वर्तमान समय में अमेठी नरेश राजा संजय सिंह इस विरासत को संभाल रहे हैं.

कब किस पीढी ने संभाली जिम्मेदारीदरअसल इतिहासकार अर्जुन पांडे बताते हैं कि अमेठी के राजघराने का इतिहास के अनुसार राजा लाल माधव सिंह की कोई संतान नहीं थी तो उन्होंने भगवान बक्श सिंह को गोद लिया था.जिसके बाद भगवान बक्स सिंह को चार संताने हुईं.जिनमें रणन्जय सिंह,रणवीर सिंह,जंग बहादुर सिंह और कुंवड साब शामिल हैं.लेकिन इस राजघराने में भगवानबक्श सिंह के 3 राजकुमारों की अलग-अलग समय में मृत्यु हो गई.जिसके बाद बचे राजा रणन्जय सिंह को भी कोई संतान नहीं हुई. बाद में उन्होंने संजय सिंह को गोद लिया और तब से आज तक अमेठी नरेश संजय सिंह ने अमेठी की इस विरासत को संभाला है.

इतिहास के पन्नों को देखा जाए तो राजा लाल माधव सिंह राजा गुरूदत्त सिंह के पुत्र थे.जिन्होंने राम जन्मभूमि आन्दोलन में लड़ाई लड़कर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे.आजादी की लड़ाई के बाद जब लोकतंत्र की शुरुआत हुई तो इस लोकतंत्र में राजघराने ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.पहली बार राजघराने से राजा रणन्जय सिंह निर्दलीय विधायक चुने गए थे.राजा रणन्जय सिंह की राजनीति के दखलंदाजी के बाद अमेठी राजघराने में बदलते वक्त के साथ लोकतंत्र के हर पड़ाव में राजनैतिक उतार चढ़ाव होते रहे.

आपके शहर से (अमेठी)

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश

ऐसा रहा राजनैतिक सफरराजा संजय सिंह के राजनैतिक इतिहास की बात करें तो पहली बार उन्होंने राजनीतिक पारी की शुरुआत करते हुए वर्ष 1980 में कांग्रेस पार्टी का दामन थाम कर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.कांग्रेस के बाद राजा संजय सिंह अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ कर जीतते और हारते रहे.अमेठी की उनकी पहली पत्नी गरिमा सिंह उनके बेटे कुंवर अन्नत विक्रम सिंह बहू शांम्भवी सिंह भी भाजपा में हैं.आपको बता दें कि 2017 के विधानसभा के चुनाव में गरिमा सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को हराकर चुनाव जीता था.आज भी संजोए है विरासतइतिहासकार अर्जुन पांडे बताते हैं कि 10 वीं शताब्दी से राजघराने की स्थापना तब से आज तक यह राजघराने अपनी विरासत को संजोए हुए है.संजय सिंह व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति हैं इनके जीवन में काफी उतार चढ़ाव होते रहे.इन्होंने अपने पिता के पदचिन्हों पर शिक्षा समाज एवं धर्म सुधार के लिए सार्थक प्रयास किया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Amethi news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : November 28, 2022, 17:41 IST



Source link

You Missed

authorimg
Uttar PradeshNov 12, 2025

सुल्तानपुर न्यूज़: रॉन्ग नंबर से शुरू हुई बात प्यार में बदली.. शादी के बाद दो बच्चे हुए… फिर 20 महीने बाद इस वजह से गिरफ्तार हुआ राजस्थान का युवक

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की कादीपुर पुलिस ने राजस्थान से एक युवक को नाबालिग से शादी करने…

Scroll to Top