Non-Stick Pan Food Side Effects: कुछ समय से भारतीय रसोईं में खाने की चीजों से लेकर खाना पकाने तक बहुत से बदलाव हुए हैं. पहले के समय में लोहा, मिट्टी आदि के बर्तनों में खाना पकाया जाता है. लेकिन आधुनिक समय में नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना पकाने का क्रेज बढ़ गया है. प्रदूषित वातावरण के चलते हर कोई अपनी सेहत को लेकर सतर्क है. लोग सही डाइट फॉलो करने के साथ ही एक्सरसाइज करना और कम तेल-मसाले वाला भोजन करना पसंद कर रहे हैं. ऐसे में लोग कम तेल वाला भोजन करने के लिए नॉन-स्टिक बर्तनों का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं. दरअसल, नॉन स्टिक पैन आदि में खाना बनाने के लिए काफी कम मात्रा में तेल की जरूरत पड़ती है. इतना ही नहीं दूसरे बर्तनों की तुलना में नॉन-स्टिक बर्तनों को साफ करना भी काफी आसान होता है.
नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना जितना आसान होता है, उससे कहीं ज्यादा ये सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. इनसे आपको गंभीर बीमारियों का खतरा भी हो सकता है. चलिए जानते हैं नॉन-स्टिक बर्तनों में बने खाने के नुकसानों के बारे में…
आयरन की कमीनॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने से शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. जैसे आपके शरीर में आयरन की कमी हो सकती है. शरीर में आयरन की कमी से भी कई समस्याएं होती हैं. इसकी वजह से एनीमिया जैसी खतरनाक बीमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
कैंसर का शिकारनॉन स्टिक पैन में बने खाने को अगर आफ खाते हैं तो इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के भी शिकार हो सकते हैं. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, नॉन-स्टिक बर्तनों के ज्यादा इस्तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है.
इनफर्टिलिटी की समस्याआपको बता दें, नॉन स्टिक बर्तनों में सिंथेटिक पॉलीमर होता है, जिसे पॉलीटेट्रा फ्लूरोएथिलिन कहा जाता है. आम भाषा में इसे टेफ्लॉन के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, जब हम नॉन स्टिक पैन में तेज आंच पर खाना पकाते हैं तो टेफ्लॉन से निकलने वाले हानिकारक केमिकल्स हमारे खाने में मिक्स हो जाते हैं. जिसकी वजह से इनफर्टिलिटी और हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है.
प्रतिरोधक क्षतमा कमजोरआजकल ज्यादातर घरों में नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. इन बर्तनों में मौजूद केमिकल्स आपके पाचन शक्ति को प्रभावित करते हैं. इसकी वजह से आपको पाचन संबंधी परेशानी भी होती है, जिससे आपकी इम्युनिटी कमजोर होने लगती है.
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