Motivational Story : बात वर्ष 2009 की है. इसी वर्ष लवीना और संदीप को जिस्म में घर कर चुके कैंसर का पता चला. पर इन दोनों ने उससे हार मानने की जगह रार ठान ली. तमाम मुसीबतों का डटकर सामना किया. खर्चीले इलाज ने इन्हें लगभग फुटपाथ पर ला दिया. लेकिन आर्थिक मुसीबतों से निबटते हुए इस जोड़े ने अपने-अपने कैंसर को निबटा दिया. कैंसर को मात देने के बाद इनके सामने जीविका का संकट था. तब प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का सहारा लेकर अंचार का व्यापार शुरू किया. मेहनत और किस्मत ने साथ दिया और व्यापार ने रफ्तार पकड़ ली है.
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महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा, दो साल पुराना निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल।
अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा है। यह बातें सोशल मीडिया पर…