दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 12, 13 और 14 नवंबर को संस्कृति संसद का आयोजन हो रहा है. इस संस्कृति संसद में देश और विदेशों के तमाम उन हस्तियों को आमंत्रित किया गया है, जो हिंदू धर्म और हिंदुत्व के लिए जाने जाते हैं. इस संस्कृति संसद में उन तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी और प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे, जिन्हें राजनीतिक मुद्दों के तौर पर देखा जाता है.
संस्कृति संसद में जिन मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा होगी, उनमें समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण और घर वापसी के मुद्दे के साथ-साथ काशी विश्वनाथ और मथुरा की मुक्ति के मुद्दे भी होंगे. मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्ति जैसे मुद्दों के साथ ही भारतीय इतिहास (मुख्य तौर पर मध्यकालीन इतिहास) पर विशेष चर्चा होगी. दलितों और महिलाओं को धार्मिक अधिकार दिए जाने को लेकर धर्म आदेश पारित किए जाने पर भी चर्चा होगी.
इन्हें भी पढ़ें :दिखने लगी काशी-विश्वनाथ की चमक, नवंबर तक काम पूरा होते ही PM मोदी करेंगे नई काशी का शुभारंभअमित शाह का काशी दौरा बेहद अहम, 12 नवंबर को तय होगा यूपी चुनाव का एक्शन प्लान!
संस्कृति संसद के आयोजन को राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि इसके आयोजक इससे इनकार करते हैं. आयोजकों का कहना है कि इसमें हमेशा कोई न कोई चुनाव होते रहता है और ऐसे में सभी मुद्दों को चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है.
संस्कृति संसद में यह होंगे शामिल
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में होने जा रहे संस्कृति संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के शामिल होने की की संभावना जताई जा रही है. आयोजकों का कहना है कि संस्कृति संसद का पहला निमंत्रण काशी विश्वनाथ और मां गंगा को दिया गया है और तीसरा निमंत्रण पीएम नरेंद्र मोदी को दिया गया है. इसके साथ-साथ इस संसद में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह के शामिल होने की भी संभावना है. गौरतलब है कि संस्कृति संसद की आयोजन समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद रूपा गांगुली हैं.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
Source link
No confusion over CM face, says Tejashwi
PATNA: RJD leader Tejashwi Prasad Yadav on Tuesday dismissed speculation over the INDIA Bloc’s chief ministerial face in…