हाइलाइट्सज्ञानवापी विवाद से जुड़े केस की आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई. ज्ञानवापी मामले में जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही. हाई कोर्ट ने एएसआई से कार्बन डेटिंग की बारीकियों के बारे में भी पूछा.प्रयागराज. वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी के विवादित परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने का विवाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है. शुक्रवार को इसकी कार्बन डेटिंग सहित साइंटिफिक सर्वे कराए जाने की मांग में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार सहित सभी विपक्षियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत द्वारा अर्जी खारिज करने के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में आर्कोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया, उ प्र सरकार सहित अन्य को पक्षकार बनाया गया है.
लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई है कि साइंटिफिक सर्वे होने से ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग सहित अन्य धार्मिक निर्माण की सही जानकारी मिल सकेगी. यह भी पता चल सकेगा कि वहां मिले शिवलिंग व अन्य मूर्तियां व धार्मिक वस्तुएं कितनी पुरानी हैं. कोर्ट ने सभी छह प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है.
हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से भी जवाब मांगा है. इनसे पूछा है कि क्या बगैर शिवलिंग को क्षति पहुंचाए इसकी जांच हो सकती है? कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या याचियों की यह मांग जायज है? क्या इससे कोर्ट के किसी फैसले का उल्लंघन तो नहीं होगा? अगली सुनवाई पर एएसआई को यही बताना है कि शिवलिंग को बगैर नुकसान पहुंचाए इसकी जांच हो सकती है या नहीं.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर से 16 मई 2022 को कमीशन की कार्यवाही के दौरान कथित शिवलिंग बरामद हुआ था. जिसके बाद याचियों ने जिला अदालत वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का साइंटिफिक सर्वे कराने की मांग में अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने यह कहते हुए अर्जी गत 14 अक्टूबर को खारिज कर दी कि ऐसा करने से निर्माण को क्षति पहुंच सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने परिसर की यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है. याचिका में जिला न्यायालय के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.
यह आदेश जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच ने दिया है. याचिका पर अधिवक्ता हरिशंकर जैन व विष्णु शंकर जैन ने बहस की. मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी. वहीं, वाराणसी ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी पूजा मामले की सुनवाईअधिवक्ताओं के अनुरोध पर टल गई है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 नवंबर को होगी. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से याचिका दाखिल कर वाराणसी के जिला जज की कोर्ट से 12 सितंबर को आए फैसले को चुनौती दी गई है.
मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तरफ से मुख्य रूप से वक्फ एक्ट और 1991 के प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट का हवाला दिया जा रहा है. ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इस मामले में राखी सिंह के साथ ही पांचों वादी महिलाओं और यूपी सरकार समेत 10 लोगों को पक्षकार बनाया है. दरअसल, जिला जज वाराणसी ने 12 सितंबर को मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज करते हुए श्रृंगार गौरी मामले में राखी सिंह के केस को चलते रहने की मंजूरी दी थी. इस मामले की सुनवाई भी जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच कर रही है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Allahabad high court, Gyanvapi Masjid Controversy, Gyanvapi Masjid Survey, Prayagraj NewsFIRST PUBLISHED : November 04, 2022, 17:58 IST
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India conveys concern to US over cancellation of H1B visa interviews
Visa-related issues pertain to the sovereign domain of any country, he said, adding: “we have flagged these issues…

