रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या. राम की नगरी में कार्तिक माह में दो प्रमुख परिक्रमा सबसे महत्वपूर्ण मानी गई है. पहली 14 कोस की परिक्रमा जो अक्षय नवमी के मौके पर अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा होती है. इस दरमियान बड़ी संख्या में लोग लगभग 45 किलोमीटर लंबे सफर पर निकलते हैं और धार्मिक यात्रा में भगवान राम को स्मरण करते हुए इस यात्रा को पूरा करते हैं.
इसके अलावा कार्तिक माह की एकादशी जिसे देव उठान एकाशी भी कहा जाता है. उस दिन राम जन्म भूमि के सांस्कृतिक सीमा यानी 5 कोस की परिक्रमा की जाती है. इस परिक्रमा में बड़ी संख्या में लोग उमड़ते हैं. लगभग 15 किलोमीटर लंबे सफर पर बड़ी संख्या में श्रद्धा के साथ लोग निकलते हैं. लोगों का मानना है कि परिक्रमा करने से जन्म मरण से मुक्ति होती है. सभी तरीके के पापों का नाश होता है और इसके अलावा सबसे प्रमुख है कि भगवान का सानिध्य मिलता है. यही वजह है कि आस्था के पथ पर लगभग 40 लाख लोगों ने इस वर्ष भगवान राम की नगरी में 14 कोस की परिक्रमा की. श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन सतर्क है
जानिए क्या है धार्मिक मान्यता?रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि देव उठानी एकादशी को अयोध्या में 5 कोस की परिक्रमा की जाती है. साथ ही उन्होंने बताया कि पांच भौतिक चीजों से शरीर बना है. 5 कोस की परिक्रमा करने से सभी तरीके के कष्ट का निवारण होता है. राम नगरी में 5 कोस की परिक्रमा करने से जन्म मरण से मुक्ति मिलती है. इस परिक्रमा में भगवान राम के जन्म स्थान समेत जितने भी अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में मठ मंदिर हैं. उन सब की परिक्रमा करने का लाभ प्राप्त होता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ayodhya News, Ayodhya ram mandir, Lord Ram, UP newsFIRST PUBLISHED : November 04, 2022, 11:08 IST
Source link
Protest outside Delhi HC against suspension of Kuldeep Sengar’s jail term
NEW DELHI: A protest was held outside the Delhi High Court here on Friday against the suspension of…

