Uttar Pradesh

Teacher Health Issue: यूपी के इस जिले के बेसिक स्कूलों के ज्यादातर शिक्षक अनफिट, जानें क्या है वजह 



Teacher Health Issue in Prayagraj: यूपी के प्रयागराज जिले में बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले ज्यादातर शिक्षक स्वस्थ नहीं है. इस बात का खुलासा डेंगू का प्रकोप बढ़ने के बाद स्वैच्छिक रक्तदान में हुआ है. डीएम के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने तीन स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया था. जिसमें 381 शिक्षकों ने रक्तदान के लिए पंजीकरण कराया था. लेकिन ब्लड की जांच के बाद सिर्फ 169 शिक्षक रक्तदान के लिए स्वस्थ पाए गए. इस तरह से कुल 44 प्रतिशत शिक्षकों ने रक्तदान किया. जबकि 212 शिक्षक रक्तदान के लिए फिट नहीं पाए गए और बीमार निकले. यानी 56 फ़ीसदी शिक्षक हाई ब्लड प्रेशर,स्ट्रेस और शुगर जैसी बीमारियों से ग्रसित पाए गए हैं.
शिक्षकों के बीमार होने के खुलासे के बाद बेसिक शिक्षा विभाग भी चिन्तित नजर आ रहा है. बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने शिक्षकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जल्द ही हेल्थ कैंप लगाए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही शिक्षकों की काउंसलिंग भी कराई जाएगी. ताकि वह अपने शैक्षिक दायित्वों का के साथ ही अपनी सेहत पर भी ध्यान दें और इन बीमारियों से बच सकें.
बीएसए के मुताबिक खास बात यह है कि बेसिक शिक्षा में महिला शिक्षकों की भी बड़ी तादाद है. लेकिन रक्तदान करने आई 90 फीसदी महिला शिक्षकों में भी हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई है. उन्होंने कहा है कि महिला शिक्षकाएं आर्थिक रूप से सक्षम है. लेकिन हो सकता है कि पारिवारिक दायित्वों और अन्य समस्याओं के चलते वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रही हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बालिकाओं को आरबीएस कार्यक्रम के तहत हिमोग्लोबिन की गोलियां दी जाती हैं. उसी तरह से महिला शिक्षिकाओं के लिए भी अभियान चलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और उन्हें हिमोग्लोबिन की गोलियां प्रदान की जाएगी. ताकि महिला शिक्षिका ने भी स्वस्थ रहें.
इसके साथ ही शिक्षकों को फिट रहने के लिए खेलकूद को भी बढ़ावा दिया जाएगा. बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी के मुताबिक संविलियन विद्यालय एलनगंज में बास्केटबॉल और बैडमिंटन कोर्ट के साथ ही योगा की सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा है कि इसके लिए खेल अनुदेशकों से भी बातचीत की गई है. शिक्षकों के खेलने की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही हेल्थ कैंप में स्वास्थ्य परीक्षण और काउंसलिंग भी कराई जाएगी. बीएसए ने कहा है कि मनोविज्ञानशाला के मनो चिकित्सकों से शिक्षकों की काउंसलिंग कराई जाएगी ताकि शिक्षकों का तनाव दूर हो सके और वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होकर बेहतर काम कर सकें.
गौरतलब है कि प्रयागराज जिले में 2853 बेसिक और अपर बेसिक स्कूल हैं. जिनमें 16 हजार से ज्यादा शिक्षक और शिक्षिकाएं कार्यरत हैं. इनमें 50 फीसदी से ज्यादा महिला शिक्षिकाएं कार्यरत हैं.
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