Zimbabwe Coach Lalchand Rajput: पाकिस्तानी टीम के लिए अभी टी20 वर्ल्ड कप किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है. पाकिस्तानी टीम को पहले मैच में भारत के खिलाफ 4 विकेट और दूसरे मैच में जिम्बाब्वे से 1 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी. जिम्बाब्वे के खिलाफ मिली हार में एक भारतीय का अहम योगदान रहा है. आइए जानते हैं, इसके बारे में.
चार साल पहले बने थे कोच
लालचंद राजपूत सही तारीख भूल गए लेकिन उन्हें याद है कि यह जुलाई 2018 की बात है जब भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने जिम्बाब्वे की पुरुष टीम के मुख्य कोच का पद संभाला और अगले ही दिन पाकिस्तान के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज की शुरुआत हुई. पाकिस्तान के खिलाफ पहला एकदिवसीय मैच 13 जुलाई 2018 को खेला गया.
विवाद की वजह से बाहर हुए थे ये खिलाड़ी
जिम्बाब्वे टीम को कोच लालचंद राजपूत ने पीटीआई को बताया, ‘मैच से एक दिन पहले मुझे जिम्बाब्वे क्रिकेट ने सूचित किया कि सीन इर्विन, क्रेग विलियम्स, सिकंदर रजा और ब्रेंडन टेलर बोर्ड के साथ चल रहे वेतन विवाद के कारण बाहर हो गए हैं. मैं हैरान था.’ इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा, ‘हम 2019 वनडे विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे और फिर निलंबित हो गए. वह सबसे खराब दौर था. इसलिए मुझे केवल 4 सालों में इस परिवर्तन पर गर्व है.’
पाकिस्तान को दी पटखनी
जिम्बाब्वे ने बुधवार को पाकिस्तान को एक रन से हराकर टी20 विश्व कप में अपनी सबसे बेहतरीन जीत में से एक हासिल की और इससे राष्ट्रीय टीम के मौजूदा तकनीकी निदेशक लालचंद राजपूत से ज्यादा खुश कोई नहीं हो सकता था. राजपूत ने कहा, ‘मेरा सपना उन्हें ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करते देखना था. यह सोने पर सुहागा है और मुझे अपने लड़कों पर गर्व है.’
2007 वर्ल्ड कप में थे भारत के कोच
भारत ने अपना एकमात्र खिताब साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता था. तब टीम इंडिया के कोच लालचंद राजपूत ही थे. राजपूत क्वालीफायर तक टीम के साथ थे, लेकिन वह दिवाली के समय अपने परिवार के साथ रहना चाहते थे और इसलिए वापस लौट गए. नील जॉनसन, फ्लावर बंधु एंडी और ग्रांट, मरे गुडविन, पॉल स्ट्रैंग, हेनरी ओलोंगा और हीथ स्ट्रीक जैसे खिलाड़ियों के जाने के बाद जिम्बाब्वे का क्रिकेट कभी पहले जैसी सफलता हासिल नहीं कर पाया.
शानदार फॉर्म में सिकंदर रजा
स्टार बल्लेबाज सिकंदर रजा ने सिर्फ 2022 में ही पांच वनडे इंटरनेशनल शतक बनाए हैं, जबकि मौजूदा सत्र से पहले 50 ओवर के फॉर्मेट में उनका एकमात्र शतक 2015 में बना था. बुधवार को रजा ने अपनी ऑफ स्पिन से तीन विकेट चटकाए और मैच का रुख बदलते हुए टीम को एक रन से जीत दिलाई.
सिकंदर रजा के लिए कही ये बात
लालचंद राजपूत ने कहा, ‘सिकंदर एक भावुक लड़का है. वह देर से 36 साल की उम्र में निखर रहा है. मुझे याद है कि कुछ साल पहले जब मैंने पद संभाला था तो उससे पूछा था, ‘तूने कितने मैच जिम्बाब्वे को जिताएं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘उसने लंबे समय से शतक नहीं बनाया था. वह 40 के आसपास रन और कभी कभी अर्धशतक बना रहा था जिससे कि टीम में उसकी जगह सुरक्षित रही.’
लालचंद राजपूत ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि अगर आप सीनियर्स आगे नहीं आओगे और मैच जिताने में अधिक जिम्मेदारी नहीं लेंगे तो जिम्बाब्वे के लिए खेलने का कोई मतलब नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर टीम को हारना है तो मैं युवाओं को चुनना पसंद करूंगा और परिणामों के बारे में नहीं सोचूंगा. इसने काम किया क्योंकि उनकी मानसिकता बदल गई.’
(इनपुट: भाषा)
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