Uttar Pradesh

Small regional parties may be game changer in up assembly election 2022 upns



लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) होने हैं. सभी सियासी दल चुनावों में जुटे हैं और इस मामले में ओमप्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने सपा से गठबंधन के बाद मऊ में विशाल रैली करके सत्ता पक्ष से लेकर छोटे छोटे दलों के लिए मुश्किलें खड़ा कर दी है. राजभर की रैली के बाद ओवैसी, चंद्रशेखर, शिवपाल, अपना दल की क्या भूमिका होगी, इसकी तस्वीर बहुत हद तक नवंबर अंत तक साफ हो जाएगी. बताया जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में छोटी पार्टियां ‘गेम चेंजर’ साबित होंगी. उत्तर प्रदेश में छोटी पार्टियों का उभार 2002 के विधानसभा चुनाव से देखने को मिल रहा है.
वर्ष 2002 से ही छोटे दलों द्वारा गठबंधन की राजनीति शुरू कर जातियों को सहेजने की कोशिश दिखाई पड़ने लगी. इसका प्रभावी असर 2017 के विधानसभा चुनाव में देखने को भी मिला. तब जब राष्‍ट्रीय और राज्‍य स्‍तरीय दलों के अलावा करीब 290 पंजीकृत दलों ने अपने उम्‍मीदवार उतारे थे. इसके पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में भी दो सौ से ज्‍यादा पंजीकृत दलों के उम्‍मीदवारों ने किेस्‍मत आज़माई थी. इन छोटे दलों में कई के पास अपना सिंबल या बड़ी पहचान भी नहीं रही है, लेकिन चुनाव से ऐन पहले वो अपने अपने दावों और गतिविधियों को बढ़ाने में जुटी हैं. उनके पास अपना चुनाव निशान भी नहीं है. वो चुनाव से पहले अपना असर दिखाकर पर्याप्त मोलभाव करके बड़ी पार्टियों के जाने की जुगत में हैं, ताकि उनके साथ चुनाव लड़ें.
राजभर- अखिलेश का जोड़ीओमप्रकाश राजभर की पार्टी और अपनादल से बीजेपी ने 2017 के चुनाव में गठबंधन किया था. जिसका फायदा भी दोनों को मिला. इस बार फिर राजनीतिक दलों ने इन छोटे दलों को केंद्र में रख अपनी चुनावी रणनीति का खाका तैयार करना शुरू कर दिया है. इसी के तहत इसबार ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव एक साथ खड़े हैं. मऊ रैली की सफलता के बाद अब 14 और 17 नवंबर को सुभासपा बस्ती और कुशीनगर मे रैली करने जा रही है. इन रैलियों पर बाकी छोटे दलों की निगाहें भी लगी है.
बड़े दलों से गठबंधन कर सियासी नुकसानशिवपाल यादव के तरफ से सपा गठबंधन के लिए बयान भी आ रहे हैं इसलिए फिलहाल सपा प्रमुख चुप्पी साधे हुए हैं. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी, महान दल, जनसत्ता पार्टी, जनवादी पार्टी सहित दर्जन भर से अधिक पार्टियां हैं जो आने वाले चुनाव में गेमचेंजर साबित होंगी. फिलहाल सभी चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि सियासत में हवाएं विजय का संकेत देती है लेकिन जीत का ऊंट किस करवट बैठेगा ये गणित से बने समीकरण पर निर्भर करता है. बड़े दलों से गठबंधन कर सियासी नुकसान झेल चुकी सपा ने इस बार छोटे दलों को ही साथ देने का लक्ष्य बनाया है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.



Source link

You Missed

नक्सली हथियार छोड़ने को तैयार! डिप्‍टी CM बोले- लेटर की सत्‍यता की जांच जरूरी
Uttar PradeshSep 17, 2025

महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा, दो साल पुराना निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल।

अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा है। यह बातें सोशल मीडिया पर…

Maharashtra Government Approves Policy to Boost Digital Content Sector
Top StoriesSep 17, 2025

महाराष्ट्र सरकार ने डिजिटल कंटेंट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीति को मंजूरी दी

महाराष्ट्र को डिजिटल कंटेंट और इमर्सिव टेक्नोलॉजी का ग्लोबल हब बनाने के लिए राज्य सरकार ने मंगलवार को…

Scroll to Top