Uttar Pradesh

बस्ती के गांव पचवस को कहा जाता है सैनिकों की फैक्टरी, यहां हर घर में मिल जाएंगे आर्मी के जवान



रिपोर्टर : कृष्ण गोपाल द्विवेदी
बस्ती. बस्ती जनपद में एक गांव ऐसा भी है जिसे सैनिकों का गांव कहा जाता है. इस गांव का नाम है पचवस. यह गांव छावनी थाना क्षेत्र में आता है. पचवस गांव के हर घर से कोई न कोई सेना में भर्ती है. अब तक गांव के लगभग 1080 युवा देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हो चुके हैं. इनमें सेना के जवान से लेकर ब्रिगेडियर रैंक तक लोग हैं.
मौजूदा समय में पचवस गांव के 100 लोग सेना में हैं. इनमें से कुछ जवानों को दिवाली में छुट्टी नहीं मिली, जिसकी वजह से उनके परिवार में दुख का माहौल बना रहा. निर्मला देवी ने बताया कि उनका बेटा इस साल दीपावली में घर नहीं आ सका. इस बात का दुख तो है लेकिन गर्व भी है कि मेरा बेटा देशसेवा कर रहा है.
बता दें कि पचवस गांव में आज भी सेना के बहुत से रिटायर्ड जवान व अधिकारी हैं. इनके अंदर आज भी देशभक्ति का जज्बा बरकरार है. रिटायर्ड होने के बावजूद इन सैनिकों में आज भी वही जोशोखरोश नजर आता है. सेना में नायक के पद से रिटायर्ड हुए सुभाष सिंह ने बताया कि जब भी देश को हमारी जरूरत पड़ेगी तो हम देशसेवा के लिए तैयार हैं. रिटायर्ड सैनिकों के मुताबिक, वह अब भी इतनी हिम्मत रखते हैं कि देशसेवा के लिए जब भी कहीं बुलाया जाएगा, हम हमेशा कमर बांध कर तैयार मिलेंगे और देश के लिए अपनी ड्यूटी 100 प्रतिशत निभाएंगे.
इस गांव में आज हर युवा चाहे बेटी हो या बेटा सेना में भर्ती होकर देशसेवा करना चाहता है. गांव का इतिहास भी इस बात की गवाही देता है कि इस गांव के लोग देश की आजादी से लेकर अब तक सेना में भर्ती होकर देशसेवा कर रहे हैं. गांव की बेटियां भी अब सेना में भर्ती होकर भारत माता की सेवा करने के लिए जमकर पसीना बहा रही हैं. गांव की बेटी सुष्मिता सिंह इस समय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर सेवा दे रही हैं. सुष्मिता के फादर सेवानिवृत्त कर्नल अभय सिंह भी सेना में अपनी सेवा दे चुके हैं. वहीं, इसी गांव में रहनेवाले संजय सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह भी सेना में इस समय मेजर के पद पर कार्यरत हैं. साथ ही दो दर्जन से अधिक बेटियां सेना में जाने के लिए मैदान में आज भी जमकर पसीना बहा रही हैं.
सेना की तैयारी कर रहे पचवस गांव के आकाश ने बताया कि वह डॉक्टर और इंजीनियर बनने के बजाए सेना में भर्ती होकर देशसेवा करना चाहता है. इसी वजह से आज पचवस गांव के ज्यादातर युवक सेना में भर्ती होने लिए मैदान में पसीना बहाते नजर आते हैं. युवाओं का कहना है कि जब भी देश को हमारी जरूरत पड़ेगी हम तैयार हैं.
यहां के युवा वैसे तो आजाद हिन्द फौज के समय से ही देशसेवा के लिए सेना में भर्ती होते रहे. लेकिन 1971 में जब इसी गांव के कर्नल केशरी सिंह (अब दिवंगत) सैनिक भर्ती बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए तो उन्होंने गांव में भी प्रशिक्षण शुरू कराया और अपने गांव में सैनिकों की गंगा बहाने का कार्य किया. उन्होंने इसकी ज़िम्मेदारी गांव के रिटायर्ड और अवकाश प्राप्त सैनिकों को दी. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इंद्रासन सिंह राजकीय डिग्री कॉलेज के परिसर में आज भी गांव से लेकर क्षेत्र तक के युवा प्रशिक्षण लेने आते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Army recruitment, Basti news, News18 up, UP newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 20:36 IST



Source link

You Missed

सहारनपुर की वुड कार्विंग नक्काशी! शिवालिक की गोद से उठी कला, जिसने दुनिया में गढ़ी अपनी पहचान
Uttar PradeshNov 6, 2025

सहारनपुर की वुड कार्विंग नक्काशी! शिवालिक की गोद से उठी कला, जिसने दुनिया में गढ़ी अपनी पहचान

सहारनपुर की लकड़ी की नक्काशी: भारत की सांस्कृतिक धरोहरों में सहारनपुर की वुड कार्विंग कला एक अनमोल धरोहर…

authorimg
Uttar PradeshNov 6, 2025

आज का वृषभ राशिफल: बिजनेस में मुनाफा, शेयर बाजार में करें निवेश, लव लाइफ में मिठास, जानें वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा गुरुवार।

वृषभ राशि वालों के लिए गुरुवार का दिन बिजनेस, करियर और लव लाइफ के लिहाज से कैसा रहेगा,…

Scroll to Top