Uttar Pradesh

Basti : रंग-बिरंगे कई किस्मों के आम अब एक ही पेड़ पर! इज़राइली तकनीक से हो रहा करिश्मा



रिपोर्ट – कृष्ण गोपाल द्विवेदी
बस्ती. आपको कई वैरायटी के आम चाहिए और घर में जगह कम है, तो अब एक ही पेड़ से आपका काम बन जाएगा. बस्ती में एक ऐसा पेड़ डेवलप किया गया है, जो दस कलर और दस वैरायटी के आम एक साथ दे देगा. जी हां, यह करिश्मा है मगर सच है और इस पेड़ को इज़राइल के सहयोग से विकसित किया जा रहा है. इंडो-इज़राइल राजकीय संतति उद्यान केंद्र बंजरिया गोटवा इससे पहले भी इज़राइली तकनीक से करिश्मे कर चुका है. अब इस पेड़ में कई रंग दिखने के बाद लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है, तो बताया जा रहा है तीन साल के भीतर फल आना शुरू हो जाएगा.
इस नये ​करिश्मे से एक ही पेड़ से आप हर तरीके के आम का स्वाद चख सकेंगे. पेड़ की देखभाल करने वाले माली राजकुमार ने बताया जो पेड़ दो साल के हो जाते हैं, उनको ऊपर से छांट दिया जाता है. साथ ही, डंडी को कलम करके जो वैरायटी लगानी होती है, उसकी भी एक छोटी सी डंडी को कलम करके दोनों को आपस में बांध देते हैं और उनके आपस में जुड़ जाने तक निगरानी करते हैं. दो महीने में यह पूरी तरह से जुड़ जाता है और तीन सालों में यह फल भी देने लगता है.
हालांकि बौर लगना एक ही साल में शुरू हो जाता है, लेकिन उसको तोड़ दिया जाता है ताकि पेड़ पर लोड न पड़े और वो पूरी तरह डेवलप हो सके. आगे माली राजकुमार ने बताया हम लोग पौधों को चींटी व कीड़ों से बचाने के लिए इस पर इजो, रोगार या यिम्डा नामक कीटनाशक का प्रयोग करते हैं.

और क्या हैं इस तकनीक की खासियतें?

राजकुमार का कहना है पहले लोगों को हर वैरायटी के लिए अलग-अलग पौधे लगाने पड़ते थे. अब एक ही पौधे से किसानों को कई तरह के आम मिलेंगे. ऊषाश्रेष्ठ, ऊषा प्रतिभा, अरुणिमा, पुषालालिमा, पुषा पीताम्बर, टामीकिंग, केशर, अम्बिका आदि वैरायटी का नीला, लाल, बैंगनी, ऑरेंज, पीला, हरा, सिंदूरी आदि रंग का आम एक ही पेड़ से मिल जाएगा. इस पेड़ की एक और खासियत यह है कि आप इसको कम जगह या अपने घर की बाउंड्री में भी लगा सकते हैं. पेड़ से फल अपने हाथों से ही तोड़ सकते हैं.
आम के बगीचे लगाने वाले किसान राम अनुज चौहान ने बताया इस तरह का पेड़ किसानों के लिए वरदान साबित होगा. आकर्षक तो होगा ही, इस पेड़ से किसानों को कई गुना मुनाफे की भी उम्मीद जग रही है.
इज़राइल के वैज्ञानिक देते हैं गाइडेंस

बंजरिया फार्म के इंचार्ज धर्मेन्द्र कुमार के मुताबिक यहां इस तरह के पौधों को लगाने की प्रेरणा इज़राइल से आए वैज्ञानिकों से मिलती है. इज़राइली वैज्ञानिक हर छह महीने में यहां आते हैं और पौधों की विशेषताएं, उनको डेवलप करने के तरीके बताते हैं. पौधों को कीड़ों से कैसे बचाया जाए व पेड़ों को ज्यादा बड़ा न करके कैसे छोटा रखा जाए, इसके बारे में भी बताते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Basti news, FarmingFIRST PUBLISHED : October 21, 2022, 10:44 IST



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