रिपोर्ट – शाश्वत सिंह
झांसी. दीपों का त्योहार दीपावली जल्द ही आने वाला है. इस त्योहार में सबसे अधिक महत्व दीए का होता है. दीए पवित्रता और सात्विकता के प्रतीक के रूप में रखे जाते हैं. लेकिन, आपको यह जानकर हैरत होगी की जिन दीपों से आप अपने घर को सजाने वाले हैं वह चोरी की मिट्टी से बने हैं. जी हां, झांसी में कुम्हार जो दीए बना रहे हैं, चोरी की हुई मिट्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुम्हार ऐसा करने के लिए मजबूर है क्योंकि कहीं भी काली मिट्टी मिल नहीं रही है.
झांसी के कोंछाभंवर इलाके में दीए बनाने का सबसे बड़ा काम होता है. यहां 150 से अधिक कुम्हारों के परिवार रहते हैं. तीन पीढ़ियों से दीए बना रहे कुम्हार श्यामसुंदर ने बताया कि पिछ्ले कई सालों से मिट्टी के पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं. इस वजह से उन्हें मजबूरन मिट्टी चोरी करनी पड़ती है. लेकिन, जहां से वह मिट्टी लाते हैं, वहां भी काली मिट्टी लगभग खत्म होती जा रही है. कई बार अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है.मिट्टी कम होने के कारण हो रही परेशानीरामशंकर कुम्हार ने कहा कि एक तरफ तो सरकार देसी उत्पादों को प्रमोट करने की बात करती है और वोकल फॉर लोकल जैसे नारे देती है. लेकिन, दूसरी ओर कुम्हारों को मिट्टी भी नहीं उपलब्ध करा पा रही है. कुमार ने बताया मिट्टी कम होने की वजह से इस बार दीए भी कम बन रहे हैं. इस वजह से बाजार में दीए महंगे बिकेंगे. पिछ्ले साल जहां 50 रुपए के 50 दीए मिल रहे थे तो वहीं इस बार 100 रुपए के 80 दीए ही मिल पाएंगे. तो इस बार चोरी की मिट्टी से दीए को तैयार किया जा रहा है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Diwali festival, Jhansi newsFIRST PUBLISHED : October 20, 2022, 16:25 IST
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