Uttar Pradesh

इंसानियत की मिसाल! हिंदू बहन ने मुस्लिम भाई को किडनी देकर बचाई जान



मेरठ. यूपी के मेरठ के एक अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने रेयर किडनी ट्रांसप्लांट कर मरीज़ की जान बचाई है. डॉक्टर इस रेयर ट्रांसप्लांट के लिए बधाई के पात्र है ही, वो हिंदू बहन भी बधाई की पात्र हैं जिसने मुस्लिम भाई को अपनी किडनी देकर उनकी जान बचाई. यही नहीं मुस्लिम भाई के एक परिजन ने भी हिंदू भाई को किडनी देकर उनकी भी जान बचाई. मेरठ के अस्पताल में हुए इस रेयर किडनी ट्रांसप्लांट चर्चा का विषय बना हुआ है. गुर्दा प्रत्यारोपण स्वैप विधि से किया गया. गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप कुमार गर्ग, डॉ शालीन शर्मा एवं डॉ शरत चन्द्र के प्रयास से दोनों मरीजों को नई जिन्दगी मिली.
मेरठ के न्यूटिमा अस्पताल प्रबंधन की तरफ से बताया गया कि स्वैप विधि से गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया. गुर्दा प्राप्तकर्ता मो. अफसर अली और गुर्दा दाता मो. अकबर अली अमरोहा के रहने वाले हैं, जबकि दूसरा गुर्दा प्राप्तकर्ता अंकुर मेहरा व गुर्दा दाता अनीता मेहरा निवासी मोदीनगर, जिला गाज़ियाबाद के निवासी हैं. दोनों परिवार अलग अलग समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन इन सब बातों को दरकिनार कर दोनों परिवारों ने एक दूसरे परिवार को गुर्दा दान देकर भाईचारे की सुन्दर मिसाल पेश की है. डॉक्टर संदीप गर्ग ने कहा कि सामाजिक सौहार्द को लेकर दोनों परिवारों का यह कदम अतिप्रशंसनीय है.
गौरतलब है कि जब किसी मरीज के गुर्दा पूर्ण रूप से अपना काम करना बंद कर देता है. तो मरीज के पास केवल दो विकल्प ही शेष बचते हैं पहला मरीज लगातार डायलिसिस कराए, दूसरा गुर्दा प्रत्यारोपण कर सामान्य जीवन व्यतीत करे. यदि मरीज दूसरा विकल्प चुनता है तो उसके घर में से कोई सदस्य अथवा रिश्तेदार या दोस्त गुर्दा दान कर सकता है. इसी को रेनल ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) कहते हैं. रेनल ट्रांसप्लांट के लिए डोनर (गुर्दा दाता) होना जरूरी है. डोनर का ब्लड ग्रुप आमतौर पर रिसीवर (गुर्दा आदाता) से मैच (मिलान) होना चाहिए. यदि दोनों डोनर और रिसीवर का ब्लड ग्रुप मैच नहीं करता है तो इस परिस्थिति में मरीज का स्वैप ट्रांसप्लांट या ABO incompatible (ABOI) ट्रांसप्लाट कर सकते हैं. स्वैप ट्रांसप्लांट में आमतौर पर दो परिवारों के बीच अंगों का आदान- प्रदान होता है, जो ग्रुप मैच नहीं करने के कारण अपने ही परिवार के किसी सदस्य को अंगदान नहीं कर सकते. डोनर और रिसीवर का ब्लड ग्रुप मैच नहीं करने के कारण या HLA Non Identical Match होने पर दो अथवा चार मरीजों के परिवारों को बुलाकर नियमानुसार पारिवारिक सदस्यों की आपसी सहमती से एक परिवार दूसरे परिवार को और दूसरा परिवार पहले परिवार को गुर्दा दान कर देता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : October 17, 2022, 19:51 IST



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