TMC vs BJP War: सौरव गांगुली के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष पद से हटने को लेकर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीति तेज हो गई है. तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में मौजूद हैं और एक भाजपा नेता के बेटे के रूप बोर्ड सचिव पद पर रहना सही नहीं है.
सौरव गांगुली के BCCI से बाहर होने पर सियासी घमासान तेज!
रोजर बिन्नी के सौरव गांगुली की जगह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) का अध्यक्ष बनने की संभावना से जुड़ी खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को ‘अपमानित करने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया, क्योंकि वह उन्हें पार्टी में शामिल करने में विफल रहे.
इस बात को लेकर मचा जबरदस्त हंगामा
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि राज्य में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे. टीएमसी ने यह भी दावा किया कि यह ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का एक उदाहरण है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन गांगुली अध्यक्ष पद पर ऐसा नहीं कर सकते.
तृणमूल कांग्रेस ने BCCI पर लगाए बड़े आरोप
हालांकि भाजपा ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ के नाम से लोकप्रिय गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश नहीं की. कुणाल घोष ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘भाजपा बंगाल के लोगों के बीच एक संदेश फैलाना चाहती थी जैसे कि वह सौरव को पार्टी में शामिल करने जा रही हो.’
गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद नहीं देने के पीछे बताई राजनीति
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘हम इस मामले में सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, लेकिन चूंकि भाजपा ने चुनाव के दौरान और बाद में इस तरह का प्रचार किया इसलिए निश्चित रूप से भाजपा की जिम्मेदारी होगी कि वह इस तरह की अटकलों का जवाब दे कि गांगुली को बीसीसीआई प्रमुख के रूप में दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने के पीछे राजनीति है क्या? ऐसा लगता है कि भाजपा सौरव को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है.’
अमित शाह पर भी साधा निशाना
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का जिक्र करते हुए तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि ‘भाजपा के एक बड़े नेता’ इस साल मई में गांगुली के घर रात्रि भोज के लिए गए थे. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य, डॉ शांतनु सेन ने भी एक ट्विटर संदेश जारी कर संकेत दिया है कि गांगुली का बीसीसीआई से बाहर होना शायद इसलिए है क्योंकि या तो वह तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य से हैं या इसलिए कि वह भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं.
भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को दिया करारा जवाब
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इसे ‘निराधार’ करार दिया. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि भाजपा ने सौरव गांगुली को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कब की. सौरव गांगुली एक दिग्गज क्रिकेटर हैं. कुछ लोग अब बीसीसीआई में बदलाव पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. क्या उनकी कोई भूमिका थी जब उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था. टीएमसी को हर मुद्दे का राजनीतिकरण करना बंद कर देना चाहिए.’
बीजेपी पर बेबुनियाद आरोप लगाना तृणमूल कांग्रेस की आदत
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा बिना किसी एक व्यक्ति पर निर्भर हुए या बिना किसी तरह के समझौते के राष्ट्रीय स्तर पर इस मुकाम पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा, ‘यह दावा करना गलत है कि जब तक सौरव गांगुली पार्टी में शामिल नहीं होंगे, तब तक बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपना मजबूत आधार नहीं बना पाएगी. दरअसल, बीजेपी पर बेबुनियाद आरोप लगाना तृणमूल कांग्रेस की आदत बन गई है. लेकिन इस तरह की बातें वास्तव में सौरव गांगुली का अपमान करेगी और क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगी. खेल के क्षेत्र में इस तरह की अनावश्यक बातें ठीक नहीं है.’
(With PTI Inputs)
Nitin Nabin’s Shock Rise At BJP Hints At Nadda Shake-Up From South
Hyderabad: In a stunning departure from its tradition, the BJP Parliamentary Board has appointed 45-year-old Bihar minister Nitin…

