Brain Frog Symptoms: आजकल लोग ऑफिस वर्क को लेकर अधिक स्ट्रेस लेते हैं. बढ़ते मेंटल स्ट्रेस के कारण लोग ब्रेन फॉग जैसी दिमागी बीमारी का शिकार हो रहे हैं. आपको बता दें ब्रेन फॉग एक मेडिकल कंडीशन का एक सिम्प्टम है. ब्रेन फॉग की बीमारी में इंसान की याददाश्त कम होने लगती है, मानसिक स्पष्टता की कमी, फोकस करने में परेशानी, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता भी होती है. दिमाग की इस स्थिति में व्यक्ति उलझा हुआ रहता है. जिसके कारण वह कोई भी फैसला नहीं ले पाता है. आइए आज जानेंगे इस बीमारी के बारे में.
क्या है ब्रेन फॉग के कारण
-जब हम स्ट्रेस लेते हैं तो इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है. साथ ही इम्यूनिटी भी कमजोर होती है. जिससे डिप्रेशन ट्रिगर होता है. इस कारण मानसिक थकान होने लगता है. किसी इंसान को ब्रेन फॉग होने पर दिमाग सोचने की क्षमता खो देता है. दिमाग को समझने, अपनी बात रखने और ध्यान केंद्रित करने में काफी मुश्किल होती है.
-वहीं जब आप पर्याप्त नींद सो नहीं पाते हैं तो आपका ब्रेन थकने लगता है. जिसका असर काम पर पड़ता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि हर व्यक्ति को दिन में कम से कम 8 से 9 घंटे की नींद जरूर सोना चाहिए. अगर आप बहुत कम सोते हैं तो आपको ब्रेन फॉग की समस्या हो सकती है.
ब्रेन फॉग के लक्षण
ब्रेन फॉग होने पर मुख्य लक्षण सामने आते हैं जैसे बहुत कम नींद आना, सिर में दर्द, लो एनर्जी या थकान महसूस करना, मूड स्विंग होना, इरिटेशन होना, भूलने की आदत, फोकस करने में परेशानी, उदासी महसूस होना या अकेलापन महसूस करना. अगर आपको भी ये लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है.
कैसे करें इलाज और बचाव
ब्रेन फॉग की बीमारी को समय रहते ठीक किया जा सकता है. साथ ही अगर इसका कारण पता हो तो इलाज संभव है. मुख्य कारणों में लाइफस्टाइल में बदलाव से इस बीमारी को से राहत मिल सकती है. कोशिश करें कि कंप्यूटर और मोबाइल फोन से दूरी बना कर रखें. इन उपकरणों को लंबे समय के लिए इस्तेमाल न करें. हमेशा सकारात्मक सोच रखें और तनाव कम करें. इसके साथ ही अपनी डाइट में सुधार करें. सबसे महत्वपूर्ण है पर्याप्त नींद लें. रात में जल्दी सोने की कोशिश करें. नियमित व्यायाम करना बहुत आवश्यक है. धूम्रपान, शराब और अधिक कॉफी पीने से बचें. खुद को व्यस्त रखने वाली चीजों को करें.
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