गाजियाबाद. अगर आप एनसीआर के गाजियाबाद में फ्लैट खरीद रहे हैं या भविष्य में खरीदने की योजना है तो आप बिल्डर की रजिस्ट्री के संबंध में जरूर पता कर लें. अन्यथा बाद में आपको परेशानी हो सकती है. गाजियाबाद स्टांप विभाग ने छोटे बड़े 45 बिल्डरों को नोटिस दिया है. इन पर कार्रवाई भी की जा सकती है.
गाजियाबाद स्टांप विभाग ने सब-रजिस्ट्रार के माध्यम से ऐसे हाउसिंग प्रोजेक्ट का सर्वे कराया, जिनमें फ्लैट 500 से 1000 तक हैं और रजिस्ट्री सिर्फ 150-200 फ्लैटों की हुई हैं. भौतिक सर्वे में पाया गया कि बिल्डर की इन रिहायशी इमारतों में रहने वाले परिवारों की संख्या रजिस्ट्री कराए गए फ्लैटों की संख्या से ज्यादा है. यानी बिल्डर बिना रजिस्ट्री कराए लोगों को कब्जा देकर फ्लैटों में रहने की अनुमति दे रहे हैं. बिल्डर ने खरीदारों से रजिस्ट्री और स्टांप शुल्क की धनराशि ले ली है लेकिन स्टांप विभाग को नहीं चुकाई गई है. इस तरह बिल्डर लोगों के साथ जालसाजी कर रहा है. सर्वे में करीब 500 से ज्यादा फ्लैट ऐसे पाए गए हैं जिनकी रजिस्ट्री कराए बिना कब्जा दिया गया है.
एडीएम वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव के अनुसार फ्लैटों पर कब्जा देने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं कराने वाले करीब 45 से ज्यादा बिल्डरों को चिह्नित कर लिया गया है. इन्हें नोटिस दिया जा रहा है. नोटिस की अवधि में भी रजिस्ट्री नहीं कराई गई तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे बिल्डरों को चिह्नित करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है. इन्हें भी जल्द ही नोटिस जारी किए जाएंगे.
वित्त एवं राजस्व फिलहाल सर्वे में चिह्नित किए गए करीब 500 फ्लैटों की अनुमानित कीमत लगभग 120 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इस 120 करोड़ की रकम पर सात फीसदी स्टांप शुल्क और एक फीसदी निबंधन शुल्क प्रशासन को मिलेगा. यानी इन 500 फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई जाए तो स्टांप विभाग को लगभग 9.60 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Delhi-ncr, Ghaziabad NewsFIRST PUBLISHED : October 11, 2022, 09:08 IST
Source link

Rahul Gandhi’s visit to Gujarat’s Junagadh Camp postponed to September 19 due to bad weather
The camp is being conducted with inputs from experts across sectors, focusing on inclusive politics and grassroots outreach…