रिपोर्ट- विशाल झा
गाजियाबाद. एक समय था जब रामलीला को देखने के लिए बच्चों में उत्साह हुआ करता था. आकर्षक लाइट्स और बड़े -बड़े झूले ध्यान अपनी और आकर्षित करते थे. रामलीला में होने वाले कार्यक्रम लोगों को भावुक होने पर मजबूर कर देते थे, लेकिन बढ़ती तकनीक के साथ रामलीला मंचन के दर्शक भी यूट्यूब पर जुड़ने लगे. इससे गाजियाबाद जिले की सबसे पुरानी रामलीला श्री सुल्लामल रामलीला कमेटी लोगों से दूर हो गई. आज स्थिति ये हो गई है कि रामलीला कमेटी बहुत बुरे दौर से गुजर रही है और रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है.
जब गाजियाबाद में 4 दरवाजे सिहानी गेट, डासना गेट, दिल्ली गेट और नया गेट था, तब इस रामलीला मंचन को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ा करती थी. दर्शक रामलीला मंचन के किरदार निभा रहे कलाकारों का जोरदार स्वागत करते थे. अब बीते समय के साथ पुरानी रामलीला की चकाचौंध कम होती चली गई. इस रामलीला का इतिहास 119 साल पुराना है.
समय ये आ गया है कि रामलीला की कुर्सियां खाली पड़ी हुई हैं. मेले की दुकानों पर भी रौनक नहीं है. झूले भी बंद पड़े हैं और रामलीला मंचन से दर्शक नदारद हैं. प्रभु श्रीराम का किरदार निभाने वाले मोहित सक्सेना ने News 18 Local को बताया कि आजकल के बच्चे यूट्यूब पर निर्भर हो चुके हैं. उन्हें रामायण और महाभारत के किरदारों में फर्क भी नहीं पता. यह काफी चिंता में डाल देने वाली बात है. बच्चों को आकर रामलीला मंचन देखनी चाहिए और अपनी संस्कृति अपने इतिहास के बारे में जानना चाहिए.
दुकानदारों की बढ़ गई चिंताग्राहक ना आने से मेले में दुकानदारों की चिंता बढ़ गई है. मेला कमेटी को कैसे पैसे चुकाए. इसी को लेकर दुकानदार परेशान हैं. मेले में खीरे का स्टॉल लगाने वाले सिरादुल ने बताया कि रोजाना मेला कमेटी को डेढ़ हजार रुपये देने होते है. अब इन परिस्थियों मैं कहां से दू समझ नहीं आ रहा.
नई तकनीक ने बदल दियाश्री सुल्लामल रामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरू बाबा ने बताया हमारे जमाने में परशुराम लक्ष्मण संवाद सुनने के लिए काफी भीड़ जमा हो जाती थी. उस वक्त लोग किरदारों का भी काफी सम्मान और सत्कार करते थे. अब यूट्यूब के कारण यह सारी चीजें देखने को नहीं मिलती. अब लोग मंचन को उत्साह के साथ नहीं देखते.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Dussehra Festival, Ghaziabad News, VijayadashamiFIRST PUBLISHED : October 05, 2022, 10:37 IST
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