Uttar Pradesh

Bhauji Chaiwali: योगी से लेकर चंद्रशेखर तक इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की इस दुकान में पी चुके हैं चाय



रिपोर्ट:योगेश मिश्रा
प्रयागराज. यूं तो प्रयागराज को अध्यात्म की नगरी कहा जाता है, लेकिन इस शहर की ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से भी अपनी एक अलग पहचान है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पूर्वांचल का ऑक्सफोर्ड भी कहा जाता है और यहां दूर-दूर से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. वहीं, इस शहर ने भारत को सात प्रधानमंत्री भी दिए हैं. इसके अलावा जिस तरह से प्रयागराज की कई चीजें मशहूर हैं, ठीक उसी प्रकार से खानपान के मामले में भी प्रयागराज अपनी एक अलग पहचान रखता है. उसमें ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ‘भौजी चाय वाली’ भी जाना पहचाना नाम है, जिनकी कड़क चाय की चुस्कियों के चर्चे हर कोई करता है.
न्यूज़ 18 लोकल की टीम ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय पहुंच कर ‘भौजी चाय वाली’ और छात्रों से बातचीत कर जानने का प्रयास किया कि चाय की आखिर क्या खास बात है. दरअसल जो चाय वाली भौजी के नाम से मशहूर हैं उनका असल नाम उषा गुप्ता है. उनकी पिछली चार पीढ़ियां विश्वविद्यालय परिसर में अपनी चाय की दुकान चला रही हैं. उषा गुप्ता ने बताया कि उनकी चाय की दुकान करीब 80 साल पुरानी है. 2004 में ससुर की मौत के बाद से उन्होंने इस दुकान की कमान संभाली है. वह चौथी पीढ़ी की सदस्य हैं जो इस दुकान को चला रही हैं. उन्‍होंने बताया कि उनकी इस चाय को पीकर इसी विश्वविद्यालय से कई दिग्गज नेता नेता, आईएएस और आईपीएस अधिकारी निकले हैं. चाय वाली भौजी के मुताबिक, सीएम योगी आदित्‍यनाथ, अर्जुन सिंह, पूर्व पीएम वीपी सिंह और चन्द्रशेखर समेत तमाम नेता यहां चाय पी चुके हैं. इसमें से योगी जी को हमने खुद चाय बनाकर पिलाई थी. उषा गुप्ता कहती हैं कि कोई उन्हें चाय वाली भौजी बुलाता है, तो कोई उन्हें आंटी. वहीं, कई बच्चे उन्हें दादी भी बुलाते हैं. बच्चों का यह प्यार उन्हें बहुत ही अच्छा लगता है. बताते चलें भौजी की दुकान में भीड़ कम होने का नाम नहीं लेती. विश्वविद्यालय से जुड़े हुए लोग हो या फिर बाहर के लोग हर कोई इनकी चाय का दीवाना है.
भौजी चाय वाली का दुलार खींच लाता है दुकान पर प्रयागराज में रहने वाले स्थानीय लोग भी इनकी चाय की चुस्की का आनंद लेने के लिए आते हैं. विश्वविद्यालय के छात्रों ने बताया कि उन्हें भौजी चाय वाली की चाय का स्वाद घर की याद दिलाता है.वहीं, चाय वाली भौजी भी उन्हें मां की तरह प्यार करती हैं, जिसकी वजह से वह दिन में कई बार चाय पीने आते हैं. उषा गुप्ता ने कहा कि वह अपने पोते-पोतियों को पढ़ाना चाहती हैं. जब तक वह जिंदा हैं तब तक इस दुकान को चलाती रहेंगी. उसके बाद शायद उनका बेटा इस दुकान को संभाल लेगा.
भौजी चाय वाली का भी है ये दर्द वहीं, अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने बताया कि परिवार किराए के मकान में रहने को मजबूर है और उन्हें अब तक सरकारी सहायता भी नहीं मिल पाई है. कई बार ऐसा भी होता है कि पूरा परिवार विश्वविद्यालय परिसर में बनी हुई दुकान के अंदर ही सोने को मजबूर हो जाता है.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Allahabad news, Allahabad universityFIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 16:54 IST



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