Uttar Pradesh

Madrasa Survey: अलीगढ़ में सर्वे के दौरान खुली मदरसों की पोल; अफसर रह गए दंग!



रिपोर्ट -वसीम अहमद
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में मदरसों में सर्वे का काम प्रत्येक जिले में कराया जा रहा है. इसके लिए जिला स्तर पर प्रशासन की ओर टीमें गठित हैं. अलीगढ़ में भी डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग और संबंधित तहसील की टीमें बनाकर मदरसों में सर्वे के लिए निर्देश दिए हैं. इसके बाद अलीगढ़ में सर्वे का काम शुरू हो गया है. सरकार की ओर से टीमों को आदेश है कि 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा कर लें और 25 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपे. दरअसल सर्वे के पीछे सरकार का मकसद मदरसों को मुख्य धारा में लाना है. शिक्षा के आधुनिक तरीकों से जोड़ने की कवायद है.
मदरसों में सर्वे के तहत अलीगढ़ प्रशासन द्वारा बनाई गई विभागों की सयुंक्त टीम नगला पटवारी क्षेत्र और दोदपुर इलाके के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में सर्वे का कार्य किया. सर्वे की टीम सबसे पहले गैर मान्यता प्राप्त मदरसा फैज़ान ए मुस्तफा और फैजान ए नूरआन में पहुंची. वहां पर जो मदरसा के संचालक थे उनसे टीम की बात हुई. उसके बाद टीम नजदीक ही दूसरे मदरसों में गई. जहां जाकर पता चला कि उस मदरसे का कोई नाम नहीं था, बल्कि वह एक मस्जिद द्वारा संचालित था. वहां बिना किसी मान्यता के बच्चों को तालीम दी जा रही थी. वहां भी उन्होंने संबंधित बिंदुओं पर जानकारी इकट्ठा की.
क्या बोले- मदरसे के मौलानासर्वे टीम के जाने के बाद NEWS 18 LOCAL की टीम से बात करते हुए फैजाने नूरआन के मौलाना मकसूद आलम ने बताया कि 2009 में यूपी सरकार की ओर से सोसाइटी रजिस्ट्रेशन कराया है. उसके बाद सर्वे में हमने अपना जो सोसाइटी रजिस्ट्रेशन है. हालांकि कोविड के कारण हमने भी मदरसे को बंद किया था, उसके बाद आर्थिक प्रॉब्लम की वजह से चालू नहीं कर पाए थे. लेकिन अभी हमने 1 तारीख से मौलाना साहब को रख कर फिर से ओपन किया है. मदरसे में मेरे अलावा एक और मौलाना साहब हैं. हमारे पास करीब 16 बच्चियां और 20 बच्चे हैं. मदरसे के इनकम की जानकारी देते हुए बताया कि जो लोग दुआ के लिए आते हैं और कुछ लोग हैं जो कंट्रीब्यूटर करते हैं उसी से मदरसा चलाते हैं.
बिना नाम-पते का मदरसावहीं जब सर्वे टीम दूसरा मदरसे में पहुंची तो पता चला कि, मदरसा का कोई नाम नहीं था और वह अक्सा मस्जिद के द्वारा संचालित था. यहां पढ़ने वाले 250 बच्चे कुरान की तालीम लेते हैं. इसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है. बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ 4 से 5 टीचर हैं. इनकम की बात करें तो मस्जिद को मिलने वाले चंदे से काम चलाया जाता है. वहीं जांच टीम के एक अधिकारी ने बताया कि अक्सा मस्जिद के नाम से चल रहा मदरसा 11 बिंदुओं में से एक भी मानक को पूरा नहीं कर रहा है. भवन भी मस्जिद के नाम से है.
मदरसा की ओर से मान्यता लेने के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया गया है. ऐसे में हमने यहां पढ़ रहे बच्चों से कहा गया है कि वो अपना पास के ही किसी स्कूल में दाखिला करा सकते है.

साथ ही पास के स्कूल टीचरों से भी कहा जाएगा कि मदरसा के लोगों से संपर्क कर बच्चों के एडमिशन अपने यहां कराएं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Aligarh news, Aligarh Police, Madarsa, Uttar pradesh news, Yogi governmentFIRST PUBLISHED : September 17, 2022, 14:24 IST



Source link

You Missed

Budgam bypoll seen as litmus test for Omar Abdullah government; NC deploys full force to retain seat
Top StoriesNov 10, 2025

बुदगाम उपचुनाव ओमार अब्दुल्ला सरकार के लिए एक प्रयोगशाला के रूप में देखा जा रहा है; एनसी ने सीट को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंकी है।

श्रीनगर: राज्य की नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने बुधगाम उपचुनाव के लिए अपनी पूरी राजनीतिक मशीनरी का इस्तेमाल किया…

authorimg
Uttar PradeshNov 10, 2025

मेरठ वायु गुणवत्ता: मेरठ में सांस लेना मुश्किल, एक्यूआई 512 पार, गंगानगर सबसे ज्यादा प्रदूषित; सुबह टहलना खतरनाक

मेरठ में ठंड की दस्तक के साथ-साथ वायु प्रदूषण की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है. डॉ. धीरेंद्र…

Scroll to Top