सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. “अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता अस बर दीन जानकी माता” दरअसल हनुमान जी महाराज भगवान राम के अनन्य सेवक हैं. गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है- “राम द्वारे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे” अर्थात हनुमान जी की आज्ञा बिना राम जी का दर्शन पाना संभव नहीं है. मान्यता है कि यहां भगवान राम से ज्यादा उनके परम भक्त हुनमान का महत्व है. इस के नाते जो भी भक्त उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर अयोध्या आता है. पहले बजरंगबली का दर्शन करने जाता है.सप्तपुरी में से एक भगवान राम की जन्म स्थली उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी अयोध्या है. अयोध्या में अनेकों मठ और मंदिर हैं. सनातन धर्म से संबंध रखने वाले लोगों द्वारा अयोध्या को भगवान राम की नगरी कहा जाता है. यहीं भगवान राम का भव्य मंदिर भी बनवाया जा रहा है. कहा जाता है कि अयोध्या में भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी भी सदैव वास करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं हनुमानगढ़ी में भगवान राम की पूजा ना करके पहले हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है?जानिए क्या है पहले पूजा की परंपरा?हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास बताते हैं कि, जब भगवान राम साकेत धाम को जाने लगे तब हनुमान जी महाराज का राजतिलक हुआ था. हनुमान जी महाराज माता सीता के जेष्ठ पुत्र थे. पहले राजघरानों में जेष्ठ पुत्र का राज्याभिषेक होता था. इस नाते हनुमान जी महाराज राम नगरी में राजा के रूप में भी विराजमान हैं. ऐसे में बिना राजा के अनुमति के कोई कार्य नहीं किया जाता. यही वजह है कि, बिना हनुमान जी की अनुमति लिए भगवान राम का दर्शन कोई नहीं करता. मान्यता है कि अगर कोई बगैर हनुमान जी की इजाजत लिए या यूं कहें कि हनुमान का दर्शन करने से पहले भगवान राम का दर्शन करता है तो उसकी मान्यता पूरी नहीं होती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : September 16, 2022, 14:26 IST
Source link
32% of candidates in Bihar Phase 1 polls face criminal cases; Left parties top list
About 32% of candidates contesting in the first phase of the Bihar Assembly elections on November 6 have…

