Uttar Pradesh

100 साल बाद इस सेंट्रल यून‍िवर्स‍िटी की बढ़ाई फीस, जानें क्‍यों ल‍िया यह फैसला?



हाइलाइट्सफीस बढ़ाने के बाद भी यह दूसरी यूनिवर्सिटी की तुलना में बेहद कमसपा विधायक फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों का समर्थन देने पहुंचेउत्‍तर प्रदेश की इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 4 गुना फीस वृद्धि को लेकर छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. अलग-अलग छात्र संगठनों द्वारा फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं. आंदोलन करने वाले छात्रों की मांग है क‍ि जो फीस बढ़ाई गई है उसे वापस ल‍िया जाए. छात्र यूनियन हॉल के बाहर समाजवादी छात्र सभा का आमरण अनशन 10 दिन से जारी है. वहीं एबीवीपी से जुड़े छात्र भी चीफ प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर लगातार धरना दे रहे हैं. फीस वृद्धि के विरोध में कहीं पर बुद्धि-शुद्धि यज्ञ हो रहा है, तो कहीं पर मशाल जुलूस निकाले जा रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी लगातार अपना पक्ष रख रही है. यूनिवर्सिटी की पीआरओ प्रो.जया कपूर चढ्ढा के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन ने 100 साल के बाद फीस में वृद्धि की है.
प्रो.जया कपूर चढ्ढा के मुताबिक, ट्यूशन फीस की अगर बात करें तो ट्यूशन फीस 12 रुपये थी, जिसको बढ़ाकर 50 रुपये किया गया है. उनका कहना है कि पुरानी फीस 900 रुपये के आसपास होती थी, जो कि अब 3600-3700 रुपये के आस पास हुई है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि हॉस्टलों में बिजली का खर्चा होता है. तमाम हॉस्टलों में बिजली के बिल बकाया हैं. इन तमाम परिस्थितियों को देखते हुए विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने फीस बढ़ाने का और हॉस्टल चार्ज बढ़ाने का फैसला लिया है.

आख‍िर क्‍यों बढ़ाई गई फीस यून‍िवर्स‍िटी ने बताई ये वजह
उन्होंने कहा कि यह फैसला एक दिन में नहीं लिया गया है बल्कि इसके बारे में छात्रों को भी समय समय पर अवगत कराया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय की ग्रांट में कमी की है और विश्वविद्यालयों को अपने संसाधन जुटाने को कहा है. उसके तहत यह फैसला लेना पड़ा है. विश्वविद्यालय की पी आर ओ प्रोफेसर जया कपूर चढ्ढा का कहना है कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ाए जाने के बावजूद आसपास की दूसरी यूनिवर्सिटी और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की तुलना में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की फीस अभी भी बेहद कम है. इसलिए इससे छात्रों पर कोई ज्यादा भार नहीं पड़ेगा. उनका यह भी कहना है कि इस आंदोलन में कोई छात्र नहीं है बल्कि कुछ छात्र संगठन शामिल हैं, जो इस मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं. जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के सामने अपनी पूरी बात रख चुका है.

क्‍लास रोजाना की तरह चल रही हैं : यूनिवर्स‍िटी
पीआरओ प्रो जया कपूर चड्ढा का कहना है कि छात्रों के संगठनों के आंदोलन के बावजूद विश्व विद्यालय में नियमित कक्षाएं चल रही हैं. सिर्फ जो संगठनों से जुड़े छात्र हैं वहीं क्लास नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनसे भी बार-बार अपील की जा रही है कि पढ़ाई जारी रखें. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि के मुद्दे पर हो रही सियासत को लेकर पी आर ओ प्रोफेसर जया कपूर चड्ढा ने कहा है यह शिक्षा का मंदिर है और यहां पर पढ़ाई होती है. इसलिए इस यहां पर सियासत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि जो छात्र विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.

अब क‍िस कोर्स की क‍ितनी फीस
– बीए की फीस 975 रुपए अभी तक लगती थी, जो अब 3701 रुपए लगेगी.
– बीकॉम की लगने वाली 975 की फीस को बढ़ाकर 3901 रुपए कर दी गई है.
– बीएससी के लिए लगने वाली 1125 रुपए की फीस को बढ़ाकर 4151 रुपए कर दिया गया है.
– एमए, एमएमसी में लगने वाली 1375 -1961 रुपए की फीस को बढ़ाकर 4651 -6001 रुपए कर दी गई है.
– बीटेक की 1941 रुपए की फीस को बढ़ाकर 5151 रुपए कर दिया गया है.
– एलएलबी की 1375 रुपए की फीस को बढ़ाकर 4651 रुपए कर दिया गया है.

फीस बढ़ोतरी पर राजनीत‍ि तेज
– छात्रों के आंदोलन को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी ट्वीट कर छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया है और बढ़ी हुई फीस वापस लेने की मांग की है, तो वहीं गुरुवार को मेरठ के सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान भी फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे. आंदोलित छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 400% फीस वृद्धि की गई है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Allahabad Central University, Allahabad news, MP Varun Gandhi attack on BJP government, Up news in hindi, Varun Gandhi Video TweetFIRST PUBLISHED : September 16, 2022, 15:08 IST



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