Uttar Pradesh

इकोटेक की तरह वेदांतम सोसायटी वाले भी 10 साल से कर रहे हैं फ्लैट की रजिस्ट्री का इंतजार



नोएडा. वेदांतम रेडिकॉन सोसाइटी (Vedantam Radicon Society) में रहने वाले फ्लैट बॉयर्स (Flat Buyers) ने बिल्डर की इस परियोजना में 2010-2011 में फ्लैट बुक कराए थे. बिल्डर ने साल 2018 में फ्लैट का कब्जा भी दे दिया. करीब 450 फ्लैट मालिकों को कब्जा दिया गया. लेकिन उसमे से सिर्फ 70 फीसद फ्लैट की रजिस्ट्री कराई गई. बाकी बचे लोग आजतक रजिस्ट्री के लिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्रधिकरण (UP RERA) के चक्कर काट रहे हैं. अथॉरिटी में बिल्डर की ओर से रुपये जमा न कराने की सजा अब यह फ्लैट मालिक भुगत रहे हैं. भुगतान न होने के चलते ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida) ने रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है. सोसाइटी में रहने वाले कई बार सड़क पर उतर कर बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं. इतना ही नहीं सोसाइटी में पूरी सुविधाएं न होने के बाद भी मेंटीनेंस चार्ज पूरा लिया जा रहा है.
गौरतलब रहे इस मामले में बीते कुछ वक्त पहले नोएडा एस्टेट फ्लैट ओनर्स मेन एसोसिएशन (नेफोमा) अध्यक्ष अन्नू खान ने रेरा चेयरमैन राजीव कुमार और अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण से मिलकर पूरे ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अधिकतर सोसायटीओं में रजिस्ट्री न होने की बात कही थी. साथ ही मांग की थी कि कोई ना कोई रास्ता निकाल कर फ्लैट में रह रहे निवासियों की रजिस्ट्री कराने का समाधान किया जाए.
मेंटीनेंस चार्ज पूरा, फायर सेफ्टी, इंटरकॉम की सुविधा नदारद
वेदांतम रेडिकॉन सोसाइटी में रहने वाले एके शर्मा का आरोप है कि सोसाइटी में मूलभूत सुविधा जैसी कोई बात नहीं है. जिम, क्लब, स्विमिंगपुल, फायर सेफ्टी, इंटरकॉम जैसी कोई सुविधा नही हैं. आधी-अधूरी सोसाइटी का हम पूरा मेंटेनेंस चार्ज देकर अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. निशू दत्त शर्मा का कहना है कि सोसाइटी में जगह-जगह पानी भरा रहता है.
बेसमेंट में पानी भरा है और सीलन रहती है. लिफ्ट कभी काम करती है कभी नहीं. सोसाइटी में रहने वाले उमेश सिंह, अमरेश चन्द्रा, कन्हैया वर्मा, सुजीत, कृष्णा राय, गिरिजेश अवस्थी, लोकेश, विक्रम शर्मा, राजीव, साईबल चटर्जी  ने भी अथॉरिटी और रेरा से समाधान की मांग की है.
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अथॉरिटी एक्शन क्यों नहीं ले रहीं बिल्डर्स के खिलाफ-नेफोमा
नोएडा एस्टेट फ्लैट ओनर्स मेन एसोसिएशन (नेफोमा) अध्यक्ष अन्नू खान का कहना है, “जब कोई भी बिल्डर अपना प्रोजेक्ट तैयार करता है तो काम पूरा होने के बाद और अथॉरिटी का सभी तरह का बकाया चुकाने के बाद उसे अथॉरिटी की ओर से कम्पलीशन सर्टिफिकेट मिलता है. इस सर्टिफिकेट के बाद ही बिल्डर फ्लैट बुक कराने वाले बॉयर्स को फ्लैट पर कब्जा दे सकता है.

लेकिन बहुत सारे बिल्डर ने बिना कम्पलीशन सर्टिफिकेट के ही बॉयर्स को कब्जा दे दिया है. लेकिन ऐसे मामलों पर अथॉरिटी भी खामोश है. रेरा चेयरमैन से भी मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन कहीं से भी कोई राहत नहीं मिल रही है. कोरोना-लॉकडाउन के दौरान बुरी से बुरी मुसीबत में भी ऐसे लोग रजिस्ट्री न होने पर अपने फ्लैट को नहीं बेच सके और उनके अपने बिना इलाज के इस दुनिया को छोड़कर चले गए.”पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.



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