Uttar Pradesh

Ayodhya: राममंदिर का 40 फीसद काम पूरा, गर्भगृह में बिछाई गई पाइपलाइन, जानिए क्या है ट्रस्ट का प्लान



हाइलाइट्ससनातन धर्म के हर मंदिर में भगवान के स्नान के जल को एक जगह सुरक्षित किया जाता है. अभिषेक जल को श्रद्धालु अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस्तेमाल किया करते हैं. विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक, अभिषेक जल को नीर भी कहते हैं.रिपोर्ट: सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या: अयोध्या में भगवान श्रीरामलला का भव्य मंदिर बन रहा है. मंदिर निर्माण का लगभग 40% काम पूरा हो चुका है. रामलला के गर्भगृह की बात करें, तो अब तक करीब 500 पत्थर (पिंक स्टोन) लगाए जा चुके हैं. 2024 में मकर संक्रांति के दिन इस भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होंगे. गर्भगृह की दीवारों के बाद अब प्रभु श्रीराम के सिंहासन को बनाने का काम शुरू किया जाएगा. जिस स्थल पर भगवान को विराजमान कराया जाएगा, वहां एक स्थान पर स्नानामृत (यानी भगवान के अभिषेक का जल) सुरक्षित करने के लिए भगवान के सिंहासन के नीचे पाइप लगाई जा रही है. यह पाइप मंदिर के उत्तर दिशा में स्नानामृत संरक्षित करेगा. सूत्रों के मुताबिक, इस स्थल से रामभक्तों को भगवान श्री रामलला का नीर प्राप्त करने की सुविधा भी दी जाएगी.
बता दें कि सनातन धर्म के हर मंदिर में भगवान के स्नान के जल को एक जगह सुरक्षित किया जाता है. अभिषेक के जल को श्रद्धालु अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस्तेमाल करते हैं. विराजमान भगवान के अभिषेक जल को लोग नीर भी कहते हैं. भगवान के अभिषेक जल का प्रयोग विशेष अवसरों पर किया जाता है. सनातन धर्म के सभी मठ-मंदिरों में भगवान के स्नान जल को सुरक्षित करने की परंपरा है. इसी क्रम में रामलला के मंदिर में विराजमान रामलला के अभिषेक जल को सुरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी गई है.
सनातनी मठ-मंदिरों की परंपरा

विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा बताते हैं कि सनातन धर्म मानने वाले दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक के हर मठ-मंदिरों में अभिषेक जल को संरक्षित करने की परंपरा है. ठीक उसी प्रकार जैसे शिवमंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक होता है और उसे न लांघने की परंपरा है. वैष्णव मंदिरों में भी चाहे रामानन्दी सम्प्रदाय के हों या शैव सम्प्रदाय के हों, सभी जगह गर्भगृह में अभिषेक किया जाता है. इसे नीर कहा जाता है और उस पवित्र जल का बहुत से लोग पान करते हैं. यही कारण है कि श्रीराम जन्मभूमि के गर्भगृह में अभिषेक नीर को सुरक्षित करने की व्यवस्था की जा रही है. यह करना स्वाभाविक भी है और हमारी प्राचीन परंपरा भी. यह सनातन धर्म संस्कृति का अहम हिस्सा है. भगवान को स्नान कराके उसका चरणामृत के रूप में पान करें.
जल का है बड़ा महत्त्व

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी का कहना है कि अभिषेक का जल बहुत पवित्र माना जाता है. दरअसल यह भगवान के विग्रह का जल होता है. उस जल को अपने शरीर पर छिड़कें तो शरीर पवित्र होगा, उस जल का आचमन करेंगे तो आत्मा पवित्र होगी. ऐसे जल को संचित करने की व्यवस्था अपने आप में अद्वितीय है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Ayodhya News, Ram Mandir ayodhya, UP newsFIRST PUBLISHED : September 15, 2022, 15:51 IST



Source link

You Missed

40-year-old woman dies after being sexually assaulted by 14-year-old teen in HP; villagers block NH demanding action
Top StoriesNov 9, 2025

हरियाणा में 14 वर्षीय लड़के ने 40 वर्षीय महिला के साथ यौन हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई; ग्रामीणों ने NH बंद कर कार्रवाई की मांग की

हामीरपुर जिले के सासन गांव में 3 नवंबर को हुई घटना के बारे में पुलिस ने जानकारी दी…

Scroll to Top