अभिषेक जायसवालवाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा का जलस्तर घटने लगा है लेकिन उसके बाद भी लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. हालात ये हैं कि वाराणसी के घाट अब भी पूरी तरह जलमग्न हैं जिसका सीधा असर घाट पर पूजा अनुष्ठान कराने वाले पुरोहितों पर पड़ रहा है. बाढ़ के कारण घाट पर स्नान के अलावा हर रोज होने वाले दूसरे धार्मिक आयोजन लगभग बन्द हैं. इसकी वजह से इन पुरोहितों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है.एक ओर इनके घर बाढ़ के पानी में डूबे हैं तो दूसरी तरफ घाटों पर स्नान और पूजा जैसे अनुष्ठान नहीं होने के कारण उन्हें जजमान भी नहीं मिल रहे हैं. घाट डूबने के बाद कोई सड़क तो कोई गलियों के किनारे अपनी चौकी लगाये है. लेकिन फिर भी पूरे दिन इंतजार के बाद दो-चार श्रद्धालु पूजा के लिए इनके पास पहुंच रहे हैं. ऐसे में ये पुरोहित भी अब मां गंगा से यही कामना कर रहे हैं कि मां गंगा इस विकराल रूप को छोड़कर अपने पुराने स्वरूप में आ जाएं.आजीविका पर संकटअस्सी घाट पर पूजा पाठ कराने वाले पुरोहित बटुक महाराज ने बताया कि तीज और ऋषि पंचमी जैसे पर्व पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ होती थी लेकिन इस बार बाढ़ के कारण गिने चुने भक्त ही यहां आ रहे हैं. जिसके कारण हम पुरोहितों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है. बीते एक महीने से ऐसे ही हालात से हम लोग गुजर रहे हैं.ना के बराबर है भक्तों की संख्याघाट पर पूजा कराने वाले लाल बिहारी पांडेय ने बताया कि गंगा के रौद्र रूप के कारण यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग ना के बराबर ही है और हम लोग सुबह से पूरे दिन बस यहां बैठ कर समय काटते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : September 01, 2022, 23:47 IST
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