Uttar Pradesh

Digital Rape के दोषी 65 साल के अकबर अली को उम्रकैद की सजा, जानें क्या है ‘डिजिटल रेप’



हाइलाइट्सडिजिटल रेप डिजिटली या वर्चुअली किया गया सेक्सुअल अपराध नहीं हैयह इंग्लिश के Digit शब्द से लिया गया है जिसका मतलब हाथ-पैर की उंगलियां होती हैं नोएडा. नोएडा के सूरजपुर कोर्ट ने डिजिटल रेप के दोषी 65 साल के बुजुर्ग अकबर अली को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया. देश में अपने आप में यह पहली तरह का मामला है, जहां किसी आरोपी को ‘डिजिटल रेप’ का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है. अकबर अली को कोर्ट ने साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ डिजिटल रेप का दोषी मानते हुए उसे ताउम्र जेल के सजा सुनाई। घटना नोएडा के सेक्टर-39 थाना क्षेत्र के सलारपुर गांव का है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल के रहने वाले अकबर अली 2019 में अपनी शादीशुदा बेटी से मिलने नोएडा के सेक्टर-45 स्थित सलारपुर गांव आया था. वहां उसने पड़ोस में रहने वाली साढ़े तीन साल की मासूम को टॉफी दिलाने का लालच देकर घर ले आया और उसके साथ डिजिटल रेप किया. अकबर अली की हरकतों से डरी-सहमी बच्ची अपने घर पहुंची और पूरी बात परिवार वालों को बताई. उसके बाद परिजनों ने थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ तहरीर दी. उसके बाद पुलिस ने मासूम का मेडिकल कराया जिसमें रेप की पुष्टि हुई और उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.
साक्ष्यों को आधार मानते हुए सुनाई गई सजापब्लिक प्रॉसिक्यूटर नितिन बिश्नोई ने बताया कि 2019 में पीड़िता के परिजनों द्वारा एक एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि होने के बाद अकबर अली को गिरफ्तार किया गया था. तभी से अकबर अली जिला जेल में बंद है. उसने सत्र न्यायायल और हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन अपील ख़ारिज कर दी गई थी. मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने अकबर अली को परिस्थिति जन्य साक्ष्य, मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर्स, जांच अधिकारी, परिजनों और पड़ोसियों की गवाही पर दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.
2013 के बाद देश में डिजिटल रेप को कानूनी मान्यता मिलीगौरतलब है कि दिल्ली की निर्भया कांड के बाद 2013 में पहली बार ‘डिजिटल रेप’ शब्द को मान्यता मिली और बाद में इसे नए रेप कानूनों में अलग सेक्शन के रूप में प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स (पॉक्सो) के अंदर शामिल किया गया. 2013 से पहले देश में ऐसा कोई कानून नहीं था जिससे डिजिटल रेप विक्टिम को न्याय मिल सके.
क्या होता है ‘डिजिटल रेप’?डिजिटल रेप जैसा कि सुनने में लगता है डिजिटली या वर्चुअली किया गया सेक्सुअल अपराध नहीं है. बल्कि यह वह अपराध है जिसमें रिप्रोडक्टिव ऑर्गन की जगह किसी की मर्जी के बिना उंगलियों या हाथ-पैर के अंगूठे से जबरन पेनेट्रेशन किया गया हो. यहां डिजिट शब्द का मतलब इंग्लिश के फिंगर, थंब या पैर के अंगूठे से है. यही वजह है कि इसे ‘डिजिटल रेप’ कहा जाता है. दिसंबर 2012 से पहले देश में डिजिटल रेप को छेड़खानी समझा जाता था. लेकिन निर्भया काण्ड के बाद देश की संसद में नए रेप लॉ को पेश किया गया और इसे यौन अपराध मानते हुए सेक्शन 375 और पॉक्सो एक्ट की श्रेणी में रखा गया.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Noida news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : September 01, 2022, 09:11 IST



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