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5G network is harmful to humans WHO told 5G technology effect on health sscmp | 5G Network in India: इंसानों के लिए हानिकारक है 5जी नेटवर्क? जानिए क्या कहता है WHO



5G Network: भारत में दुनिया का सबसे एडवांस और तेज नेटवर्क 5जी की शुरुआत होने जा रही है. इस साल दिवाली पर देश के महानगरों समेत कई प्रमुख शहरों में 5जी नेटवर्क की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी. 5जी एक प्रकार की ऊर्जा पैदा करके काम करता है, जिसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन कहते हैं. यह पिछले वायरलेस नेटवर्क की तुलना में हाई फ्रीक्वेंसी का उपयोग करता है, जिससे यह तेज हो जाता है. 5जी द्वारा उत्पादित इलेक्ट्रोमैगनेटिक फ्रीक्वेंसी से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड बनती है. कुछ लोगों का मानना है कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड का सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आइए जाने क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स.
क्या 5जी तकनीक का सेहत पर कोई प्रभाव पड़ता है?विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, 5जी में इस्तेमाल होने वाली फ्रीक्वेंसी पर सीमित रिसर्च है. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के स्वास्थ्य प्रभावों पर अभी अधिक शोध करना बाकी है. लेकिन वर्तमान में 5G से जुड़े कोई स्वास्थ्य जोखिम नहीं हैं.
क्या 5जी फ्रीक्वेंसी या रेडिएशन जानवरों के लिए हानिकारक है?5जी विशेष रूप से जानवरों को कैसे प्रभावित करता है, इस पर भी लिमिटेड रिसर्ट है. अधिकांश शोध में चूहों को शामिल किया गया है. 2019 के एक पशु अध्ययन में पाया गया कि मोबाइल फोन के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड से चूहों में डीएनए डैमेज हुआ है. 2016 के एक अन्य पशु अध्ययन में पाया गया कि किसी भी आवृत्ति के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा, 2020 की एक शोध में पता चला कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड मेंढक और घोंघे(snail) जैसे जीवों को प्रभावित करते हैं. 
हेल्थ रिस्क के बारे में झूठे दावे5जी के रिलीज होने के बाद से सोशल मीडिया पर उनकी सेहत को लेकर कई झूठे दावे सामने आए. – कोरोना वैक्सीन में 5जी माइक्रोचिप होते हैं- 5जी रिलीज का उपयोग कोरोना महामारी को कवर करने के लिए किया जा रहा है- 5जी सिरदर्द, माइग्रेन और चक्कर का कारण बनता है
हालांकि, इन दावों के पीछे कोई सबूत नहीं हैं. आपको बता दें कि 5जी की स्पीड 4जी के मुकाबले कई गुना ज्यादा होगी और इसके लिए तीव्र विकिरण की भी आवश्यकता होती है.
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