Uttar Pradesh

आजादी का जश्नः औघड़नाथ मंदिर में हुआ शिव का तिरंगा श्रृंगार, वायरल हुई फोटो



हाइलाइट्समंदिर में शिवलिंग के आसपास फूलों से तिरंगे की आकृति बनाई गई.मेरठ का औघड़नाथ मंदिर 1857 की क्रांति का उदगम् स्थल भी है.मेरठ. उत्तर प्रदेश में मेरठ के औघड़नाथ मंदिर पर सोमवार को एक अनूठा नजारा देखने को मिला, जिसने सभी का मन मोह लिया. सोमवार को पूरे दिन सारा शहर आजादी के जश्न में झूमता नजर आया. ऐसे में आराध्य शिव इस जश्न से कैसे दूर रह पाते? औघड़नाथ मंदिर में भगवान शिव का स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अनूठा श्रंगार किया गया. जिसे देखकर श्रद्धा और देशभक्ति साथ जाग उठी.
मंदिर में शिवलिंग के आसपास फूलों से तिरंगे की आकृति बनाई गई. जहां शिवलिंग विराजमान हैं, वहां चक्र बनाया गया. जैसे ही यह अनोखी तस्वीर सोशल मीडिया पर आई तो कुछ ही देर में वायरल हो गई. भगवान शिव का यह रूप सभी को खासा पसंद आया. शिवलिंग के पास में ही तिरंगे की आकृति पर त्रिशूल भी बनाया गया था. इस तस्वीर को जो भी देख रहा है, वो बाबा औघड़दानी को प्रणाम किए बिना नहीं रह पा रहा है.
आज भी है पुराना कुंआगौरतलब है कि मेरठ का औघड़नाथ मंदिर 1857 की क्रांति का उदगम् स्थल भी है. यहीं से 1857 में क्रांति की ज्वाला फूटी थी. इसी स्थान से 10 मई 1857 को अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका गया था. इस मंदिर को आज भी काली पलटन मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां आज भी वो कुआं मौजूद हैं, जहां क्रांतिकारी पानी पीते थे.
10 मई को होता है खास कार्यक्रमहर वर्ष 10 मई को यहां क्रांति दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम होता है. मई 1857 में क्रान्ति की जो ज्वाला मेरठ से फूटी थी, वो अंग्रेजों को भगाकर देश को आजाद करने का सबब बनी थी. इस जगह पर आज भी क्रान्ति की निशानियां मौजूद हैं. यहां पहुंचकर अंग्रेजों के खिलाफ हुई बगावत का अहसास होता है. यहां आज भी वो कुआं मौजूद हैं, जहां बाबा शिवचरण दास स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों को पानी पिलाया करते थे.
क्रांति में शामिल हैं कई बड़े नाम10 मई 1857 को ही मेरठ से आजादी के पहले आंदोलन की शुरूआत हुई थी, जो बाद में पूरे देश में फैल गई. 85 सैनिकों के विद्रोह से जो चिंगारी निकली वह धीरे-धीरे ज्वाला बन गई. क्रांति की तैयारी सालों से की जा रही थी. नाना साहब, अजीमुल्ला, रानी झांसी, तांत्या टोपे, कुंवर जगजीत सिंहए, मौलवी अहमद उल्ला शाह और बहादुर शाह जफर जैसे नेता क्रांति की भूमिका तैयार करने में अपने-अपने स्तर से लगे थे.

गाय और मांस की चर्बी लगा कारतूस चलाने से मना करने पर 85 सैनिकों ने जो विद्रोह किया. उनके कोर्ट मार्शल के बाद क्रांतिकारियों ने उग्र रूप अख्तियार किया था.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: 15 August, Azadi Ka Amrit Mahotsav, Meerut newsFIRST PUBLISHED : August 16, 2022, 00:43 IST



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