IND vs WI: भारतीय क्रिकेट टीम ने तीसरे टी20 में वेस्टइंडीज को 7 विकेट से करारी मात दी. इसी के साथ टीम इंडिया ने सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है. तीसरे टी20 में सूर्यकुमार यादव ने कमाल की बल्लेबाजी कर भारत की झोली में जीत को डाल दिया. लेकिन टीम इंडिया के एक गेंदबाज का प्रदर्शन वेस्टइंडीज के खिलाफ इतना खराब रहा है कि उसको अब आगे के मुकाबलों में मौका मिलना नामुमकिन है.
इस गेंदबाज का पत्ता कटना तय वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया के तेज गेंदबाज आवेश खान का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा है. इस खिलाड़ी को वनडे के साथ-साथ टी20 सीरीज में भी लगातार मौके मिल रहे हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन खराब ही रहा है. हर मैच में आवेश ने जमकर रन लुटाए हैं. तीसरे टी20 मैच में 3 ओवर गेंदबाजी करते हुए 15.66 की औसत से 47 रन खर्च कर दिए और एक भी विकेट उन्हें नहीं मिला. आवेश जितना खराब प्रदर्शन अभी तक पूरी सीरीज में किसी ने नहीं किया है.
तीनों मैचों में पड़ी खूब मार
आवेश खान के लिए सिर्फ तीसरा टी20 ही नहीं बल्कि हर मैच खराब बीता है. वह इस दौरे पर विकेट लेने के लिए जूझ रहे हैं और खूब रन लूटा रहे हैं. आवेश खान वनडे के बाद टी20 सीरीज में भी रन बचाने में नाकाम रहे हैं. वहीं इस सीरीज के दो मैचों में 14.62 की इकॉनमी से 78 रन खर्च कर चुके हैं और 1 ही विकेट हासिल किया है. इतने खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम में लगातार मौके देना खराब बात होगी.
भारत की शानदार जीत
ओपनिंग बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव के तेजतर्रार अर्धशतक और श्रेयस अय्यर के साथ उनकी अर्धशतकीय साझेदारी से भारत ने तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में मंगलवार को यहां वेस्टइंडीज को 7 विकेट से हराकर पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाई.
वेस्टइंडीज ने सलामी बल्लेबाज काइल मायर्स (50 गेंद में 73 रन, आठ चौके, चार छक्के) के अर्धशतक से पांच विकेट पर 164 रन बनाए जिसके जवाब में भारत ने सूर्यकुमार (44 गेंद में 76 रन, आठ चौके, चार छक्के) के अर्धशतक और श्रेयस अय्यर (24) के साथ उनकी दूसरे विकेट की 85 रन की साझेदारी से 6 गेंद शेष रहते तीन विकेट पर 165 रन बनाकर जीत दर्ज की. ऋषभ पंत 26 गेंद में 33 रन बनाकर नाबाद रहे.
Nadda accuses Congress of colluding with Naxalites during 2013 Jhiram Ghati attack
Further alleging that the previous Congress governments had colluded with the Naxalites, Nadda claimed that the “double-engine” government…

