Uttar Pradesh

गोरखपुर में एक ऐसा शिव मंदिर, जो अक्रांता महमूद गजनवी की क्रूरता का करता है बयान, जानें पूरी कहानी



हाइलाइट्सगोरखपुर के सरया तिवारी गांव में स्थित है यह चमत्कारिक शिवलिंगमहमूद गजनवी टस से मस भी नहीं कर पाया थागोरखपुर: भारत पर कई मुस्लिम आक्रांताओं ने आक्रमण किया, जिसमें सबसे क्रूर आक्रांताओं में एक महमूद गजनवी भी था. ऐसा माना जाता है कि महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए. गजनवी ने जब भारत पर आक्रमण किया तो क्रूरता की सारी हदें पार कर दी. उसने हिन्‍दुस्‍तान को जमकर लूटा और मंदिरों को ध्‍वस्‍त कर चला गया.
गोरखपुर में भी एक ऐसा शिव मंदिर है, जो सदियों से उसकी क्रूरता की दास्‍तान बयां कर रहा है. महमूद गजनवी ने शिव मंदिर में स्थित शिवलिंग को तोड़ने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन जब वो शिवलिंग को तोड़ने में नाकामयाब रहा, तो उस पर कलमा खुदवा दिया. लेकिन उसने जिस मंशा से शिवलिंग पर कलमा खुदवाया था, उसकी वो मंशा भी पूरी नहीं हुई. शिवभक्‍त आज भी यहां पूजा-पाठ के साथ जल और दुग्‍धाभिषेक के लिए आते हैं.
यहां स्थित है यह मंदिरसावन माह में इस म‍ंदिर की महत्ता और भी बढ़ जाती है. सदियों पुराना यह शिव मन्दिर गोरखपुर से 30 किलोमीटर दूर खजनी कस्‍बे के सरया तिवारी गांव में स्थित है. शिव मंदिर में एक शिवलिंग है जो हजारों साल पुराना है. मान्‍यता है कि यह शिवलिंग भू-गर्भ से स्वयं प्रकट हुआ था. जब महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया, तो यह शिवमंदिर भी उसके क्रूर हाथों से अछूता नहीं रहा. उसने मंदिर को ध्‍वस्‍त कर दिया, लेकिन शिवलिंग को टस से मस नहीं कर पाया. जब गजनवी थक-हार गया, तो उसने शिवलिंग पर कलमा खुदवा दिया, जिससे कोई हिन्‍दू इसकी पूजा नहीं कर सकें.
शिवलिंग पर उर्दू में यह लिखा हमहमूद गजनवी ने शिवलिंग पर उर्दू में ‘‘ला इलाहा इलाल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह‘ लिखवा दिया. महमूद गजनवी ने सोचा था कि वह इस पर कलमा खुदवा देगा, तो हिन्‍दू इसकी पूजा नहीं करेंगे. लेकिन, महमूद गजनवी के आक्रमण के सैकड़ों साल बाद भी हिन्‍दू श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं और शिवलिंग पर जलाभि‍षेक करने के साथ दूध और चंदन आदि का लेप भी लगाते हैं. सावन मास में इस मंदिर का महत्‍व और भी बढ़ जाता है. यहां पर दूर-दूर से लोग दर्शन करने आत हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति की मन्‍नतें भी मांगते हैं.
चमत्कारिक है यह शिव मन्दिरभगवान शिव को महादेव के नाम से भी पुकारा जाता है. यही वजह है कि सरया तिवारी गांव के इस शिवलिंग को नीलकंठ महादेव के नाम से जाना जाता है. यहां के लोगों का मानना है कि इतना विशाल शिवलिंग पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है. मान्यता है कि शिव के इस दरबार में जो भी भक्‍त आकर श्रद्धा से बाबा से कामना करता है, उसे भगवान शिव जरूर पूरी करते हैं. गांववालों का कहना है कि इस मं‍दिर के आसपास के टीलों की खुदाई में जो नर कंकाल मिले, उनकी लम्बाई तकरीबन 12 फीट थी. उनके साथ कई भाले और दूसरे हथियार भी मिले थे, जिनकी लम्बाई 18 फीट तक थी. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर कई कोशिशों के बाद भी कभी छत नहीं लग पाया है और यहां के शिव खुले आसमान के नीचे रहते हैं.
मान्‍यता है कि इस मंदिर के बगल में स्थित पोखरे के जल को छूने से एक कुष्‍ठ रोग से पीडि़त राजा का कुष्‍ठ ठीक हो गया था और तभी से लोग चर्म रोगों से मुक्ति पाने के लिये आकर यहां पांच मंगलवार और रविवार स्‍नान करते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Chief Minister Yogi Adityanath, CM Yogi Aditya Nath, Gorakhpur news, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 01, 2022, 23:21 IST



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