Uttar Pradesh

Savan 2022: झांसी का यह शिव मंदिर कभी बना था अखिलेश और सीएम योगी के बीच रार की वजह, जानें क्या है पूरी कहानी?



रिपोर्ट- शाश्वत सिंह
झांसी. यूपी के झांसी को बुंदेलखंड की काशी के भी नाम से भी जाना जाता है. झांसी में अनेकों शिवालय हैं. इन्हीं में से एक ऐसा शिवालय भी है जो धार्मिक और राजनीतिक दोनों रूप में महत्वपूर्ण है. यह शिवालय है मढ़िया महादेव मंदिर, जो अपने वैभव के लिए मशहूर है. मढ़िया महादेव मंदिर 600 साल से भी पुराना है. इस मंदिर को गोसाइयों द्वारा बनाया गया था.
बता दें कि 15वीं सदी में बनाया गया यह मंदिर आज भी सुरक्षित है. शुरुआत में यहां छोटे बड़े मिलाकर 27 मंदिर बनाए गए थे. हालांकि वर्तमान में सिर्फ 17 मंदिर ही बचे हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है मढ़िया महादेव मंदिर.सावन में कांवरिये बेतवा नदी से जल लाकर यहां चढ़ाते हैं.
लक्ष्मीबाई करने आती थीं जलाभिषेकमंदिर के मुख्य पुजारी रामेश्वर प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि 15वीं शताब्दी में इस मंदिर को बनाया गया था. पहले गोसाइयों ने इस मंदिर का रखरखाव किया. उसके बाद राजा छत्रसाल द्वारा इस मंदिर की देखरेख की गई थी.17वीं शताब्दी में मराठा राजवंश ने झांसी पर राज करना शुरू किया. मराठा राजाओं ने भी मढ़िया महादेव मंदिर की भव्यता बनाए रखी. महारानी लक्ष्मीबाई तो इस मंदिर में अक्सर जलाभिषेक करने के लिए भी आया करती थीं. अंग्रेजों के समय में इस मंदिर की अनदेखी होती रही जिसकी वजह से यहां अतिक्रमण हो गया.
2013 में कराया गया अतिक्रमण मुक्तमंदिर के नीचे बने तहखानों में मुस्लिम परिवारों ने रहना शुरू कर दिया था. उनकी कई पीढ़ियां यहां रह चुकी थी.एक समय पर यह मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पूरी तरह बंद हो गया था.इसके बाद पंडित रामेश्वर प्रसाद उपाध्याय, अरविंद वर्मा और मौजूदा विधायक रवि शर्मा ने मढ़िया महादेव मंदिर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए आंदोलन शुरू किया.साल 2013 में मढ़िया महादेव मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराया गया.इसके बाद यह मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए फिर से खोल दिया गया.
बना था योगी और अखिलेश में रार की वजहमढ़िया महादेव मंदिर का धार्मिक इतिहास जितना शानदार है, उतना ही दिलचस्प इसका राजनीतिक इतिहास भी है.इसी मंदिर की वजह से मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में ठन गई थी. वरिष्ठ पत्रकार रामसेवक अरजरिया ने बताया कि साल 2013 में योगी आदित्यनाथ मढ़िया महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए आना चाह रहे थे, लेकिन अखिलेश सरकार द्वारा उन्हें कानपुर में ही रोक लिया गया था. उस समय यह मामला बहुत चर्चाओं में रहा था. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने 2022 विधानसभा चुनावों के दौरान झांसी में जब रोड शो किया तो उसकी शुरुआत भी मढ़िया महादेव मंदिर से ही की थी.
रोज होती है आरतीमढ़िया महादेव मंदिर पहुंचने के लिए झांसी के गोविंद चौराहे से आपको 200 मीटर पैदल चलना होगा. यह मंदिर सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक और शाम को 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहता है. सुबह 6 बजे और शाम को 6 बजे आरती होती है. यहां जलाभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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