समूह की महिलाओं को कच्चा माल उपलब्ध कराया गया और फिर बांस की राखियां बनाने का सिलसिला शुरू हुआ. बांस की राखियों की डिजाइन महिलाओं ने खुद की है. लक्ष्मीपुर सीएफसी पर राखी बनाने के काम में जुटी बिंदु देवी, राजमती, झिनकी, मीना, मीरा, शीला, संजू और अंजू बताती हैं कि मोबाइल पर राखियों की डिजाइन देखने के बाद उन्होंने कुछ परिवर्तन कर बांस से बनने वाली राखियों के लिए डिजाइन तैयार किए गए हैं.
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NEW DELHI: Rahul Gandhi’s vote manipulation charge is “unfounded” as no appeals were filed against the electoral rolls…

