रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस (Banaras) की परंपराएं अनोखी हैं. यही परंपराएं इस शहर को दुनिया से अलग बनाती हैं. ऐसी ही एक अनोखी परम्परा है सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में सामूहिक जलाभिषेक की, जिसे सैकड़ों सालों से शहर के यादव बंधु निभा रहे हैं. पूरे पारम्परिक वेशभूषा में शहर भर के यादव बंधु हाथों में जल लेकर शहर के प्रमुख शिवालयों में जाते है और वहां बाबा का जलाभिषेक करते हैं.
वाराणसी के केदारघाट से इस जलाभिषेक यात्रा की शुरुआत होती है. सबसे पहले यादव बंधु गौरी केदारेश्वर का जलाभिषेक करते हैं. उसके बाद तिलभांडेश्वर और फिर दशाश्वमेध घाट से जल लेकर बाबा विश्वानथ (Kashi Vishwanath) को जल अर्पण करते हैं. बाबा विश्वनाथ के दरबार के बाद मृत्युंजय महादेव और त्रिलोचन महादेव के दर्शन कर काल भैरव को जल अर्पण के बाद ये यात्रा पूरी होती है.
तब भगवान शिव हुए थे प्रसन्नश्रीकृष्ण यादव महासभा के अध्यक्ष सत्यप्रकाश यादव ने बताया कि सैकड़ों साल पहले जब पूरे देश में अकाल था और बारिश नहीं होने के कारण पशु पक्षी और मनुष्य बेहाल थे. उस वक्त नगर के यादव बन्धुओं ने लोक कल्याण के लिए काशी के शिवालयों में जलाभिषेक किया था. इसके बाद भगवान शिव प्रसन्न हुए और बारिश हुई, तभी से ये परम्परा निरन्तर चली आ रही है.
400 सालों से चली आ रही परम्परासत्यप्रकाश यादव ने बताया कि 400 सालों से अधिक समय से ये परम्परा चली आ रही है और उनके दादा, परदादा भी इस परंपरा का निर्वहन करते थे. अब वो भी उन्हीं के दिखाए रास्ते पर चलकर इस परंपरा को निभा रहे हैं. बताते चले कि इस जलाभिषेक यात्रा में यादव बंधु बिल्कुल पारम्परिक वेश भूषा के अलावा नयनों में कागल लगाकर बाबा के जलाभिषेक के लिए निकलते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Kashi Vishwanath Dham, Kashi Vishwanath Temple, Lord Shiva, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 18, 2022, 19:38 IST
Source link
US government announces 3K dollars stipend for illegal immigrants if they sign up to self-deport by year-end
CHANDIGARH: To escalate mass deportations and slash enforcement costs, the United States has announced a Christmas offer for…

