Uttar Pradesh

न चाहकर भी राजनीति में कैसे आए रामगोपाल यादव?, नेताजी से जुड़ा है ये दिलचस्प वाक्या



इटावा. समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन अपने बड़े भाई और पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव (नेता जी) का आदेश टालने की हिम्मत नहीं दिखा सके. नेता जी के आदेश के बाद प्रो.यादव ने अपने गृह जिले उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बसरेहर ब्लाक प्रमुख पद के लिए अपना नामांकन किया और रिकार्ड मतों से जीत हासिल की. साल 1987 मे बसरेहर के ब्लाक प्रमुख बन कर प्रो.यादव ने काग्रेस के पाले से यह सीट सपा के नाम कर ली थी.
राजनीति में आने से पहले प्रो.राम गोपाल यादव इटावा मुख्यालय पर स्थित के.के. कॉलेज में लेक्चरर थे. इसी कॉलेज से प्रो.रामगोपाल यादव ने अपना छात्र जीवन भी शुरू किया था. अपने बड़े भाई मुलायम सिंह के कहने से वह राजनीति में आए खुद से उनका मन राजनीति में आने का नहीं था. इटावा के के.के.कॉलेज के प्राचार्य डा.महेंद्र सिंह बताते हैं कि प्रोफेसर रामगोपाल यादव कालेज में छात्र के रूप में 20 जुलाई 1963 को बीएससी प्रथम वर्ष मे प्रवेश लिया था. रामगोपाल यादव 1971 और 72 में कॉलेज में प्रोक्टोरियल बोर्ड मे मेंबर के रूप में शामिल हो गये. उसके बाद उन्होंने यहं पर एक प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवायें देनी शुरू कर दीं.
प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने छात्र के रूप में निकल कर राजनीतिक उंचाई को छुआ. प्रो.रामगोपाल यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई गांव में 29 जून, 1946 को जन्म हुआ. उनकी शिक्षा-दीक्षा इटावा, आगरा और कानपुर में हुई. आगरा यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में एम एससी और कानपुर यूनिवर्सिटी से पॉलीटिकल साइंस में एम ए करने के बाद पीएचडी की. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अध्यापन का कार्य शुरू किया. 1969 में वह के.के.पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, इटावा में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता नियुक्त हुए. 1994 में वह चौधरी चरण सिंह डिग्री कालेज, हैंवरा, इटावा के प्रधानाचार्य बने. यहां पर उन्होंने 2006 तक अपनी सेवाएं दीं.
पेशे से शिक्षाविद प्रोफेसर रामगोपाल यादव संसद में जब किसी विषय पर बोलते हैं तो सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी उन्हें सुनते हैं. रामगोपाल यादव को अनुशासनहीनता और उदंडता बिल्कुल पसंद नहीं है. संसद हो या संसद के बाहर, वह बेहद विनम्र, शालीन और मर्यादित आचरण करते हैं. एक इंटरव्यू के दौरान प्रो.रामगोपाल यादव ने कहा था कि वो कभी भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे. वो तो पेशे से प्राध्यापक थे. एक दिन नेता जी मुलायम सिंह जीप में आए और बोले कोई भी उम्मीदवार नहीं मिल रहा है तो तुम बसरेहर, इटावा से ब्लाक प्रमुख चुनाव के लिए नामांकन कर आओ. उसे जीतने के बाद फिर ज़िला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ और तब तक मैं सक्रिय राजनीति में पहुंच चुका था.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Etawah news, Ramgopal yadav, UP newsFIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 23:08 IST



Source link

You Missed

Scroll to Top