Male Breast Cancer: अधिकतर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है कि पुरुषों में भी महिलाओं की तरह ब्रेस्ट टिश्यू होते हैं और उनमें भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले दिख सकते हैं. पुरुषों में ब्रेस्ट टिश्यू की संख्या प्री-प्यूबर्टी से गुजर रही किसी लड़की के समान होती है, जो कि काफी कम होती है. मगर पुरुषों में मौजूद ब्रेस्ट टिश्यू एस्ट्रोजन हॉर्मोन की कमी के कारण आगे विकसित नहीं हो पाते हैं.
जेपी हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ सर्जिकल ऑनकोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. आशीष गोयल स्तन कैंसर पुरुषों में ब्रेस्ट के नॉन-फंक्शनल मिल्क डक्ट्स, ग्लैंड्स और अन्य टिश्यू में विकसित हो सकता है. मगर पुरुषों में स्तन कैंसर से जुड़ी सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि लोगों को इस बारे में जानकारी की कमी है. जिस कारण इसके बारे में आखिरी स्टेज पर पता चल पाता है. क्योंकि पुरुषों के ब्रेस्ट टिश्यू में गांठ या दर्द होने की आशंका कम होती है.
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पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के कारण – Causes of male breast cancer
Klinefelter’s Syndrome: यह एक जेनेटिक कंडीशन है, जिसमें मेल बेबी में सामान्य से थोड़े ज्यादा एस्ट्रोजन हॉर्मोन होते हैं.
रेडिएशन एक्सपोजर: Ionizing Radiation के संपर्क में आने से मेल ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है.
जीन म्यूटेशन: BRCA1 और BRCA2 जीन में जीन म्यूटेशन होने के कारण महिलाओं की तरह पुरुषों में भी स्तन कैंसर विकसित हो सकता है.
मोटापा: मोटापे के कारण शरीर में मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने पर पुरुषों में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ सकता है. जिसके कारण पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर की फैमिली हिस्ट्री: अगर फैमिली में किसी को ब्रेस्ट कैंसर है या हुआ है, तो भी पुरुषों को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है.
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट टिश्यू में गांठ या उनका मोटा होना
ब्रेस्ट टिश्यू का आकार बढ़ना या दर्द होना
स्तनों की त्वचा के रंग में बदलाव होना
निप्पल या एरियोला के आसपास की त्वचा सख्त होना या मोटी होना
निप्पल अंदर की तरफ जाना या निप्पल से डिस्चार्ज होना
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महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर से कितना अलग है मेल ब्रेस्ट कैंसरउम्र: पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर 60 से 70 साल की उम्र के बुजुर्गों में देखने को मिलता है, जबकि महिलाओं में यह किसी भी उम्र में हो सकता है.क्लिनिकल-पैथोलॉजिकल फीचर्स: पुरुषों में स्तन कैंसर के संकेत व लक्षण महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के समान होते हैं.हॉर्मोन रिसेप्टर पॉजिटिविटी: महिलाओं के मुकाबले 90 प्रतिशत से अधिक मेल ब्रेस्ट कैंसर हॉर्मोन रिसेप्टर पॉजिटिविटी से संबंधित होते हैं. महिलाओं में हॉर्मोन रिसेप्टर-नेगेटिव और ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर भी देखने को मिलते हैं.लिंफ नोड्स: महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की सक्रियता लिंफ नोड्स में ज्यादा देखने को मिलती है. क्योंकि, पुरुषों में इसके बारे में काफी लेट स्टेज में पता लग पाता है.
महिलाओं की तरह मेल ब्रेस्ट कैंसर के कारण होने वाली मौतों को जल्दी जांच की मदद से कम किया जा सकता है. सामान्यत: मेल ब्रेस्ट कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल रखना बहुत जरूरी है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.
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