मथुरा. धर्म नगरी वृंदावन में उस समय गुरु-शिष्य की परंपरा के तार-तार होने का खुलासा हुआ जब असम के रहने वाले दो नाबालिग छात्र रोज-रोज की घटना से परेशान होकर आश्रम से भाग निकले. इसके बाद परिक्रमा मार्ग बच्चों ने रोते हुए एक संत को अपनी पीड़ा सुनाई. बच्चों की बात सुनकर संत ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. अब पुलिस ने संत की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.जानकारी के अनुसार असम का रहने वाला ईश्वर गौतम पानी घाट दुर्गापुरम स्थित एक मकान में करीब 1 दर्जन से अधिक बच्चों को कर्मकांड और वैदिक शिक्षा का अध्ययन कराता है. गुरु बनकर बच्चों को भारतीय संस्कृति और सभ्यता का पाठ पढ़ाने वाला आरोपी करीब 9 माह पूर्व अपने गांव से 13 वर्षीय और 9 वर्षीय दो बच्चों को मकान में रखकर शिक्षा ग्रहण करा रहा है. बच्चों की माने तो आरोपी उनके साथ अमानवीय हरकत करता था. विरोध करने पर उनकी पिटाई भी करता था. आए दिन के अत्याचार से परेशान होकर दोनों बच्चे वहां से भाग निकले और परिक्रमा मार्ग में रात्रि करीब 1:00 बजे रोते हुए रसिक धाम आश्रम के शिष्यों को मिले. जब रोते हुए बच्चों को आश्रम लाकर पूछताछ की तो उन्होंने पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया. इसके बाद संत रसिक बिहारी दास ने बुधवार को आरोपी ईश्वर गौतम के खिलाफ बच्चों के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोप में पुलिस को तहरीर देकर सख्त कार्रवाई की मांग की. फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है.उधर मामला दर्ज होने के बाद आरोपी फरार है, लेकिन धर्म शिक्षा की आड़ में खेले जा रहे इस गंदे खेल का पर्दाफाश होने से कहीं न कहीं एक बार फिर धर्म शर्मशार हुआ है. ऐसे में मां बाप को भी चाहिए कि जहां वह मासूमों को भविष्य बनाने के लिए छोड़ रहे हैं उनकी समाज में छवि कैसी है, इसकी जानकारी जरूर करें.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : June 23, 2022, 10:47 IST
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