मेरठ के जुड़वां दिव्यांग भाई आयूष और पीयूष की कहानी सभी को प्ररित करने वाली है. गंभीर बीमारी से जूझ रहे दोनों भाई चलने-फिरने, यहां तक कि बोलने में भी लाचार नजर आते हैं. लेकिन पिता के कर्म की सीख ने इनके जीवन को बदल दिया. ये दोनों जुड़वा भी माता-पिता को अपना गुरु मानते हैं. ये कहानी है मेरठ के ऐसे दो जुड़वा भाइयों की जो बचपन से ही न ठीक से चल सकते हैं और न ही ठीक से उठ-बैठ सकते हैं. यहां तक कि इन दोनों जुड़वा भाइयों को बोलने में भी तकलीफ होती है. लेकिन पिता के फौलादी इरादों की वजह से इन दोनों ने ऐसी उड़ान भरी कि आप जानकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे.
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पति खोया, सहारा टूटा… लेकिन नहीं मानी हार, अपने हौसले से रची नई जिंदगी, गांव की हर महिला के लिए प्रियंका बनीं प्रेरणा
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक महिला की कहानी है जिसने हार नहीं मानी और समाज के…