कानपुर. 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के नई सड़क पर हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी ने बड़ा खुलासा किया है. सूत्रों के हवाले से मिली रही जानकारी के मुताबिक पुलिस पूछताछ में हाशमी ने बताया कि 3 जून की तारीख को जानबूझकर चुना गया था, क्योंकि इस दिन कानपुर देहात में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी थी. उसने बताया कि वे देश को सन्देश देना चाहते थे और वह इस मकसद में कामयाब रहा.
अभी तक कि जांच में यह पता चला है कि हयात जफर हाशमी ने पहले से ही व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शहर में बड़ा बवाल करने की तैयारी कर ली थी. हालांकि 27 मई को इस बवाल की कोई जानकारी नहीं दी गई. हाशमी ने इस हिंसा के लिए 141 व्हाट्सग्रुप बनाए थे. बवाल से आधे घंटे पहले हाशमी व अन्य लोगों ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए थे. इतना ही नहीं तैयारी और साजिश के तहत शहर के कई इलाकों से नई सड़क के आस-पास की मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए लोगों को बुलाया गया था.
ATS को मिले देशी बम हयात जफर हाशमी के खुलासे के बाद रविवार देर शाम एटीएस की टीम ने बवालग्रस्त इलाकों का दौरा किया जहां हिंसा से जुड़े कई सुराग हाथ लगे हैं. एटीएस टीम को बवालग्रस्त इलाके में साजिश के अहम सबूत मिले. एटीएस चीफ नवीन अरोड़ा के नेतृत्व में रात भर चली पड़ताल में हयात जफर हाशमी के घर के आसपास रहने वाले कई शातिर राडार पर. एटीएस के मुताबिक उपद्रवी शहर में बड़ी वारदात करने की तैयारी में थे. जाजमऊ, बाबूपुरवा समेत कई दूसरे इलाकों से उपद्रवी आये थे. उन्हें नई सड़क के आसपास की मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए आदेश मिला था. नमाज के बाद हरा कपड़ा लहराए जाते ही पथराव और बमबाजी करना था. एटीएस को सड़क किनारे हाथों से बनाये गए देशी बम भी मिले हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Kanpur violence, UP latest newsFIRST PUBLISHED : June 06, 2022, 08:33 IST
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