Uttar Pradesh

मंकीपॉक्स को लेकर मेरठ में अलर्ट, विदेश से आने वाले लोगों पर रखी जा रही पैनी नजर



मेरठ. कोरोना के बाद अब एक बार फिर मंकी पॉक्स को लेकर पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. हालांकि भारत अभी तक इस बीमारी से प्रभावित नहीं है लेकिन फिर भी एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया गया है और विदेश से खासकर अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अफ्रीकी देशों से आने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है. ऐसा ही कुछ मेरठ में भी है. यहां पर विदेश से आने वाले लोगों पर प्रशासन और स्‍वास्‍थ्य विभाग पैनी नजर रखे हैं. मेरठ में सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर अशोक तालियान ने बताया कि जो भी दिशा निर्देश सरकार की तरफ से आए हैं उसी आधार पर विभाग अलर्ट मोड़ पर है. उन्होंने बताया कि क्योंकि जिन देशों में मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं वहां से आने वाले यात्रियों में यदि इस बीमारी के लक्षण मिलते हैं तो उनके सैंपल पुणे लैब जांच के लिए भेजे जाएंगे. उन्होंने बताया कि अगर किसी में लक्षण आते हैं तो ऐसे लोग सर्विलांस पर रहेंगे.
मंकीपॉक्स को लेकर सरकार की तरफ से जो निर्दश दिए गए हैं उसमें बताया गया है कि मकीपॉक्स एक वायरल जेनेटिक बीमारी है. जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में होती है. कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में भी रोग का प्रसार हुआ है. मकीपॉक्स के मरीजों में बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फनोइस जैसे लक्षण पाए जाते हैं. जिनके कारण अनेक प्रकार की चिकित्सीय जटिलताएं भी हो सकती हैं. इसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक प्रदर्शित होते हैं. लेकिन कुछ रोगी गंभीर रूप से भी बीमार हो सकते हैं. इस बीमारी में मृत्युदर 1-10 प्रतिशत तक हो सकती है. मकीपॉक्स जानवरों से मानवों में या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. यह वायरस कटी-फटी त्वचा (भले ही दिखाई न दे), सांस या म्यूकोसा (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है.
दिशा निर्देश में बताया गया है कि माना जाता है कि मानव से मानव में सचरण मुख्य रूप से बड़े आकार के रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट के माध्यम से होता है जिसके लिए दीर्घावधि का निकट सम्पर्क आवश्यक है. यह रोग शारीरिक द्रव्यों या घाव के साथ के साथ सीधे सम्पर्क से हो सकता है. मकीपॉक्स के लक्षण चेचक (ऑर्थोपॉक्स वायरस) से मिलते-जुलते हैं, जिसे वर्ष 1980 में वैश्विक स्तर से उन्मूलित घोषित कर दिया गया था. मंकीपॉक्स चेचक की तुलना में कम संक्रामक है तथा इसके कारण होने वाला रोग भी चेचक रोग की तुलना में कम गंभीर होता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Meerut news, Monkey, UP newsFIRST PUBLISHED : May 27, 2022, 22:58 IST



Source link

You Missed

Gujarat's farm relief triggers anger across political spectrum
Top StoriesNov 8, 2025

गुजरात के किसानों को राहत देने के फैसले ने राजनीतिक विपक्ष के साथ-साथ व्यापक आक्रोश पैदा किया है

अहमदाबाद: गुजरात सरकार का बहुत बड़ा किसानों के लिए 10,000 करोड़ रुपये का कृषि सहायता पैकेज, जो असामान्य…

Scroll to Top