लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव (UP Assembly Deputy Speaker Election) को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. बीजेपी (BJP) जहां नितिन अग्रवाल को प्रत्याशी बना रही है वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नरेंद्र सिंह वर्मा पर दांव लगाने जा रही है. इस बीच सरकार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) ने नई मांग सामने रख दी है. दरअसल अपना दल की मांग है कि विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर दलित या ओबीसी वर्ग के जन प्रतिनिधि को मौका दिया जाए.
अपना दल के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य आशीष पटेल ने भाजपा के समक्ष मांग रख दी है. आशीष पटेल ने कहा है कि दलित अथवा ओबीसी वर्ग के जनप्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया जाए. आशीष पटेल का कहना है कि फिलहाल उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद और विधान परिषद के सभापति पद पर वर्तमान में ओबीसी एवं दलित समाज से सम्बंधित व्यक्ति नहीं है. ऐसे में ओबीसी अथवा दलित समाज के विधायक को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. इससे सरकार का एक अच्छा संदेश जायेगा.
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 18 अक्टूबर की तारीख घोषित की है. जिसके लिए नामांकन 17 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक भरे जाएंगे.
यूपी में योगी सरकार में शामिल अपना दल (एस) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल लगातार बीजेपी पर दबाव बनाने में जुटे हैं. ऐसे में आशीष पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को विधानसभा का उपाध्यक्ष किसी पिछड़े या अनुसूचित जाति के विधायक को बनाना चाहिए. अपना दल (एस) ने यह मांग ऐसे समय उठाई है जब सूबे में दलित और ओबीसी को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में शह-मात का खेल चल रहा है.
विधानसभा उपाध्यक्ष को लेकर बीजेपी की तरफ से नितिन अग्रवाल, सपा ने नरेंद्र सिंह पर खेला दांव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हरदोई दौरे के बीच में नरेश अग्रवाल को उन्होंने पार्टी में वापस आने तक का ऑफर दे दिया था. बीजेपी ने अब उनकी बेटे को ही विधानसभा उपाध्यक्ष का प्रत्याशी बनाने का मन बना लिया है. सपा छोड़ कर पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल के पुत्र और हरदोई से सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी चल रही है. बीजेपी 2022 के चुनाव से पहले नितिन अग्रवाल को उपाध्यक्ष बनाकर सूबे के वैश्य समुदाय को बड़ा सियासी संदेश देने की रणनीति है. बीजेपी की इस मंशा पर अब अपना दल (एस) पलीता लगाती नजर आ रही है और पिछड़े या दलित कार्ड खेल दिया है.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.
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