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टीम इंडिया ने 2019 वर्ल्ड कप में किया था ये बड़ा ब्लंडर, युवराज सिंह ने उठाए सवाल| Hindi News



Team India: टीम इंडिया ने साल 2019 के वर्ल्ड कप (World Cup) में कुछ ऐसे बड़े ब्लंडर किए, जिसकी वजह से उनका खिताब जीतने का सपना टूट गया. 2019 के वर्ल्ड कप (World Cup) में भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में अच्छा खेली, लेकिन टीम इंडिया (Team India) सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड (New Zealand) के हाथों हारकर वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीतने की रेस से बाहर हो गई.

भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह को लगता है कि टीम इंडिया 2019 क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए अच्छा प्लान बनाने में फेल रही. चौथे नंबर के लिए विजय शंकर और ऋषभ पंत के बीच अदला-बदली का हवाला देते हुए युवराज सिंह ने कहा कि अगर भारत के पास बल्लेबाजी क्रम में चौथे स्थान पर एक अनुभवी बल्लेबाज होता, तो भारत टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर सकता था.
टीम इंडिया ने 2019 वर्ल्ड कप में किया था ये बड़ा ब्लंडर
वर्ल्ड कप में भारत की मध्य क्रम बल्लेबाजी लाइनअप में कमी थी, विशेष रूप से नंबर चार स्लॉट पर समस्याएं पैदा हो रही थी, जिसमें अनुभवी बल्लेबाज अंबाती रायडू को 15 सदस्यीय टीम से बाहर कर दिया गया था. टूर्नामेंट में केएल राहुल ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करना शुरू किया था, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन चोटिल होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे.
न्यूजीलैंड से हार कर भारत बाहर हो गया
राहुल के सलामी बल्लेबाज के रूप में लाने के बाद विजय शंकर को प्लेइंग इलेवन में नंबर चार पर मौका दिया गया, लेकिन वह भी चोट लगने के कारण वर्ल्ड कप से बाहर हो गए थे. ऋषभ पंत टूर्नामेंट में धवन की जगह पहुंचे थे, उन्होंने टूर्नामेंट के अंत तक नंबर चार पर बल्लेबाजी की थी, जब तक की सेमीफाइनल में भारत न्यूजीलैंड से हार कर बाहर नहीं हो गया.
4 नंबर पर अदला-बदली चलती रही
युवराज ने संजय मांजरेकर को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘जब हमने वर्ल्ड कप (2011) जीता, तो हम सभी के पास बल्लेबाजी करने के लिए एक स्थान दिए गए थे. मुझे 2019 वर्ल्ड कप में महसूस हुआ कि उन्होंने इसकी अच्छी योजना नहीं बनाई थी. उन्होंने विजय शंकर को सिर्फ 5-7 वनडे मैचों के साथ 4 नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया था, फिर उन्होंने उन्हें ऋषभ पंत के साथ बदल दिया. जबकि हमने 2003 वर्ल्ड कप जब खेला था, मोहम्मद कैफ, दिनेश मोंगिया और मैंने पहले ही 50 वनडे मैच खेले थे.’
2021 टी20 वर्ल्ड कप में यही देखने को मिला
2011 वर्ल्ड कप में ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का पुरस्कार जीतने वाले युवराज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के मध्य क्रम की समस्या टी20 प्रारूप में भी मौजूद है, जो पिछले साल UAE में 2021 टी20 वर्ल्ड कप में देखने को मिली थी. वहीं, आईपीएल में यही मध्यक्रम के बल्लेबाल फ्रेंचाइजी के लिए अच्छी बल्लेबाजी करते हैं, जबकि टी20 वर्ल्ड कप में उनके प्रदर्शन में कमी देखने को मिली थी.
टी20 क्रिकेट को ज्यादा अहमियत देते हैं खिलाड़ी 
युवराज ने क्रिकेट के भविष्य पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि वर्तमान समय में टी20 क्रिकेट की लोकप्रियता ने खिलाड़ियों को अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. युवराज ने यह भी कहा कि 50 ओवर का क्रिकेट लोकप्रियता के लिए संघर्ष करेगा, क्योंकि टी20 क्रिकेट खेल का प्रमुख प्रारूप है.



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