Uttar Pradesh

न्याय केवल अभियुक्त के लिए नहीं, पीड़ित के साथ भी होना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट



प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला में कहा है कि न्याय केवल आरोपियों के लिए नहीं है बल्कि पीड़िता के साथ भी न्याय होना चाहिए. हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी सामूहिक दुष्‍कर्म के आरोपियों की ओर से दायर तीन याचिकाओं को खारिज करते हुए की है. याचिकाओं में आरोपियों के खिलाफ दायर मुकदमे को झांसी जिले से किसी अन्य जिले में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार ओझा ने विपिन तिवारी व अन्य याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि यदि इस मामले को स्थानांतरित किया जाता है तो यह सामूहिक दुष्‍कर्म पीड़िता का अपमान होगा. इसके साथ उन्‍होंने कहा कि यदि मामला जिला झांसी से किसी अन्य जिले में स्थानांतरित किया जाता है तो यह पीड़िता, गवाहों, अभियोजन पक्ष और पूरे समाज के लिए असुविधाजनक होगा, क्योंकि मामला सामूहिक दुष्‍कर्म से संबंधित है.
जानें पूरा मामला याची विपिन तिवारी और रोहित पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता के साथ दुष्कर्म के दौरान मोबाइल पर वीडियो बना लिया. आवेदक शैलेंद्र नाथ पाठक पर आरोप है कि उसने पीड़ित से 1000 और 2000 रुपये लिये. आरोपियों ने मौजूदा स्थानांतरण याचिका दायर करते हुए कहा कि पीड़िता के पिता झांसी में पेशे से वकील हैं और इसलिए कोई भी अधिवक्ता जिला न्यायालय झांसी में आवेदकों की ओर से पेश होने के लिए तैयार नहीं है.
इसके साथ उन्होंने यह तर्क दिया गया कि आवेदकों को मुकदमा लड़ने के लिए अपनी पसंद के वकील को नियुक्त करने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन पीड़ित के पिता के प्रभाव के कारण आवेदकों को उस अवसर से वंचित किया जा रहा है. वहीं, विपक्षी वकील ने स्थानान्तरण आवेदनों का विरोध करते हुए जिला न्यायालय झांसी में विभिन्न अधिवक्ताओं द्वारा आवेदक विपिन तिवारी और शैलेन्द्र नाथ पाठक की ओर से दायर वकालतनामे की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया.
हाईकोर्ट ने कहा कि यदि मामला झांसी से दूसरे जिलों में स्थानांतरित किया जाता है, तो सामूहिक बलात्कार पीड़िता को दूसरे जिले की यात्रा करनी होगी, जिसके चलते अंततः पीड़िता को कठिनाई और मानसिक पीड़ा हो सकती है. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा, इतना ही नहीं औपचारिक गवाहों को छोड़कर अन्य सभी गवाह जो झांसी के निवासी हैं, उन्हें दूसरे जिले की यात्रा करनी होगी, जहां मामले को स्थानांतरित किया जाएगा. न्याय केवल आरोपी के लिए नहीं है, पीड़ित के साथ भी न्याय होना चाहिए और वर्तमान मामले में पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म किया गया है. इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी कहा कि आवेदकों को अपनी पसंद के वकील के माध्यम से केस लड़ने का पूरा अधिकार है. हालांकि कोर्ट ने कहा जहां तक पीड़िता के पिता, जो झांसी में एक वकील हैं, के प्रभाव का संबंध है, रिकॉर्ड पर इसका कोई सबूत नहीं है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Allahabad high court, Jhansi newsFIRST PUBLISHED : April 30, 2022, 19:55 IST



Source link

You Missed

Julio Cesar Soto Renteria
HollywoodNov 5, 2025

जूलियो सेसार सोटो रेंटेरिया लॉस एंजिल्स डांस सीन में रेग्गेटोन ला रहे हैं – हॉलीवुड लाइफ

जूलियो सेसार सोटो रेंटेरिया, मेक्सिको सिटी के एक नृतक और नृत्य निर्देशक हैं, जो लॉस एंजिल्स के पेशेवर…

authorimg
2619 किलोमीटर दूर से आया एक खास जानवर! हिमालय छोड़ याक कर्नाटक पहुंच गया
Uttar PradeshNov 5, 2025

बिहार विधानसभा चुनावों के बाद अचानक गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाने के लिए क्या पाया? : यूपी न्यूज

गोरखपुर में सिक्सलेन फ्लाईओवर का निर्माण तेजी से पूरा करने के लिए सीएम योगी ने दिए निर्देश गोरखपुर…

Scroll to Top