नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया ने महिला वनडे विश्व कप इतिहास में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए शनिवार को यहां भारत को 6 विकेट से हराया और अपना सेमीफाइनल स्थान सुनिश्चित किया. कप्तान मिताली राज (96 गेंद में 68 रन), यास्तिका भाटिया (83 गेंद में 59 रन)और हरनप्रीत कौर (47 गेंद में नाबाद 57 रन) के अर्धशतकों से भारत ने सात विकेट पर 277 रन का स्कोर खड़ा किया. टूर्नामेंट के इतिहास में कोई भी टीम इतने बड़े लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया की शानदार फॉर्म और ईडन पार्क की बल्लेबाजी के मुफीद पिच पर मेग लैनिंग की अगुआई वाली टीम ने पांच मैचों में पांचवीं जीत दर्ज की.
भारतीय टीम की शर्मनाक हार
सलामी बल्लेबाज एलिसा हीली (65 गेंद में 72 रन) और रशेल हेन्स (52 गेंद में 43 रन) ने 121 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को तेज शुरुआत कराई जिसके बाद कप्तान लैनिंग (107 गेंद में 97 रन) टीम को जीत के करीब ले गईं. झुलन गोस्वामी को अंतिम ओवर में 8 रन का बचाव करना था लेकिन बेथ मूनी (20 गेंद में नाबाद 30 रन) ने पहली तीन गेंदों पर टीम को जीत दिला दी. इस हार से भारत की सेमीफाइनल में पहुंचने की डगर मुश्किल हो गई है जिसे पांच मैचों में तीसरी शिकस्त झेलनी पड़ी. 2017 चरण की उप विजेता टीम अब अपने बचे हुए लीग मैचों में दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश से भिड़ेगी. मैच से पहले भारत के लिए जहां बल्लेबाजी चिंता का विषय बनी हुई थी वहीं इसके विपरीत ऑस्ट्रेलिया ने इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया, हालांकि उसके गेंदबाजों को अपने प्रदर्शन पर काफी सोच विचार करना होगा.
ऑस्ट्रेलिया ने किया कमाल
हीली और फॉर्म में चल रही हेन्स शुरू से ही आक्रामक रहीं जिन्होंने अपनी मर्जी के अनुसार भारतीय गेंदबाजी आक्रमण – तेज गेंदबाज और स्पिनरों – के खिलाफ रन जुटाए. झुलन गोस्वामी और मेघना सिंह शुरू में या तो फुल लेंथ गेंदबाजी कर रही थीं, या फिर काफी शार्ट. हीली ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए, उनके खिलाफ कवर ड्राइवर, कट शॉट्स और पुल शॉट से रन बनाए. भारत की सर्वश्रेष्ठ स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ जब गेंदबाजी के लिए उतरीं तो हीली ने बेहतरीन स्वीप शॉट्स से प्रतिद्वंद्वी टीम को और दबाव में ला दिया. ऑस्ट्रेलियाई टीम जब जीत की ओर बढ़ रही थी, तभी बारिश ने खलल डाला और मैच रुक गया. तब टीम का स्कोर दो विकेट पर 225 रन था, लेकिन जल्द ही खेल शुरू हुआ और आस्ट्रेलिया ने बिना किसी परेशानी के जीत दर्ज की. इससे पहले मिताली और यास्तिका ने तब तीसरे विकेट के लिए 130 रन की अहम भागीदारी निभाई जब भारत ने सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा के विकेट सस्ते में गंवा दिए थे.
हरमनप्रीत की पारी गई बेकार
भारत का स्कोर दो विकेट पर 158 रन से 6 विकेट पर 213 रन हो गया था, जिसके बाद हरमनप्रीत ने 47 गेंद में नाबाद 57 रन बनाकर टीम को 250 रन के स्कोर से आगे पहुंचाया. पूजा वस्त्राकर ने एक बार फिर अंत में तेजी से रन जोड़े, उन्होंने 28 गेंद में 34 रन बनाए. पूजा और हरमनप्रीत ने 47 गेंद में सातवें विकेट के लिये 64 रन की भागीदारी की जिससे भारत ने अंतिम पांच ओवर में अपने स्कोर में 52 रन का इजाफा किया. भारत ने बल्लेबाजी को मजबूती देने के लिये सलामी बल्लेबाज शेफाली को आल राउंडर दीप्ति शर्मा की जगह उतारा. बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद शेफाली (12) और स्मृति (10 रन) बल्लेबाजी करने उतरी थीं, पर दोनों जल्दी आउट हो गई. यास्तिका ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए टूर्नामेंट में अपना पहला अर्धशतक जमाया. उन्होंने अनुभवी मिताली का अच्छा साथ निभाया जो एक स्थान नीचे चौथे नंबर पर उतरीं. पहले चार मैचों में अच्छा नहीं करने के वाली कप्तान ने आखिर अर्धशतकीय पारी खेली.
मिताली और यास्तिका को हालांकि पारी के शुरू में स्ट्राइक रोटेट करने में दिक्कत आ रही थी लेकिन एक बार दोनों के लय में आने के बाद रन जुड़ने शुरू हो गए. उन्होंने स्पिनर अलाना किंग और एशले गार्डनर के खिलाफ ‘लेट कट’ का अच्छा इस्तेमाल किया. ऑस्ट्रेलिया की इन दोनों गेंदबाजों के लिए दिन अच्छा नहीं रहा. मिताली ने टूर्नामेंट में अपने पहले अर्धशतक के दौरान बायें हाथ की स्पिनर जेस जोनासेन पर एक स्ट्रेट छक्का भी जमाया. तेजी से रन जुटाने के प्रयास में यास्तिका और मिताली अपने विकेट गंवा बैठीं. फिर हरमनप्रीत ने जिम्मेदारी भरा खेल दिखाया और सुनिश्चित किया कि टीम प्रतिस्पर्धी स्कोर खड़ा करे.
टी20 कप्तान ने टूर्नामेंट में 50 से ज्यादा रन का तीसरा स्कोर बनाया जिससे उन्होंने साबित कर दिया कि वह टूर्नामेंट की अच्छी खिलाड़ी हैं. हालांकि खराब फॉर्म के कारण विश्व कप से पहले उन्हें अंतिम एकादश से भी बाहर कर दिया गया था. हरनप्रीत ने स्पिनरों और तेज गेंदबाजों दोनों के खिलाफ अपने ‘ट्रेडमार्क’ स्वीप शॉट का बखूबी इस्तेमाल कर प्रतिद्वंद्वी टीम पर दबाव बनाया. पूजा ने इसमें दो छक्के और एक चौका लगाकर इसमें उनकी मदद की. आमतौर पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज अनुशासित गेंदबाजी करती हैं, पर उन्होंने 24 वाइड गेंद फेंकी जिससे भारत को फायदा ही हुआ.
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