कानपुर के सबसे रईस लोग, जानें उनकी संपत्ति
उत्तर प्रदेश के सबसे रईस का खिताब कई साल तक कानपुर के आरएसपीएल ग्रुप के मुरलीधर ज्ञानचंदानी के पास रहा. हालांकि अब वह खिताब में दूसरे नंबर पर आ गए हैं और उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर पर तथा कानपुर के सबसे रईस में उनका नाम आता है. 36 साल पहले घड़ी साबुन की शुरुआत करने वाले मुरलीधर ज्ञानचंदानी को लोग मुरली बाबू भी कहते हैं. उनकी नेटवर्थ पिछले साल तक 15,000 करोड़ थी, जिसके चलते वह उत्तर प्रदेश के सबसे रईस व्यक्ति थे. अब वह दूसरे नंबर पर आ गए हैं और उनकी नेटवर्थ लगभग 7,000 करोड़ रुपए कम होकर 8,000 करोड़ रुपए हो गई है, जिससे वह कानपुर में नंबर वन और प्रदेश में दूसरे नंबर पर हैं. आपको बताते हैं कि वह घड़ी साबुन, नमस्ते इंडिया डेयरी प्रोडक्ट्स, रेड चीफ, लेदर समेत विभिन्न कंपनियों के डायरेक्टर हैं. 36 साल पहले साबुन का कारोबार शुरू करने वाले मुरली बाबू ने इसे अपने भाई विमल ज्ञानचंदानी के साथ मिलकर शुरू किया था. मुरली बाबू के बाद कानपुर के रईसों में दूसरे नंबर पर उनके छोटे भाई विमल ज्ञानचंदानी आते हैं. 2024 में उनकी संपत्ति 10,500 करोड़ रुपए थी और वह उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर के सबसे रईस थे. हालांकि अब उनकी संपत्ति 5,920 करोड़ रुपए रह गई है, और वह कानपुर में दूसरे नंबर पर हैं. साल भर में उनकी संपत्ति लगभग 4,580 करोड़ रुपए कम होने के कारण वह प्रदेश में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं.
कानपुर का जेके ग्रुप भी सबसे बड़ा रईस परिवार माना जाता है. सीमेंट उद्यमी अभिषेक सिंघानिया कानपुर में तीसरे नंबर के सबसे बड़े रईस हैं, उनके पास लगभग 2,440 करोड़ रुपए की संपत्ति है. उनके पास कई एजुकेशन संस्थान और कई सीमेंट फैक्ट्रियां, जैसे जेके सीमेंट, हैं. इसके साथ ही जेके ग्रुप की कई अन्य कंपनियों के वे डायरेक्टर भी हैं. कानपुर में तीसरे नंबर पर होने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में 16वें नंबर के सबसे रईस अरबपतियों में उनकी गिनती होती है. कभी उत्तर प्रदेश में मिर्जा ग्रुप का भी बोलबाला रहा. मिर्जा ग्रुप के डायरेक्टर और लेदर व फुटवियर कारोबारी तसनीफ़ अहमद मिर्जा कानपुर में तीसरे नंबर पर आते हैं. उनके पास लगभग 2,290 करोड़ रुपए की संपत्ति है. फेमस ब्रांड रेड टेप मिर्जा ग्रुप का ही है, और उत्तर प्रदेश में उनका स्थान 19वें नंबर का है. इसके बाद चौथे नंबर पर उद्यमी अजय गोविंद दास, सराफ ग्रुप के साथ, 2,240 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ आते हैं, और उत्तर प्रदेश में उनका स्थान 20वें नंबर पर है. सर्विसेज सेक्टर से जुड़े राघव चड्डा भी मूल रूप से कानपुर के रहने वाले हैं. उनकी संपत्ति लगभग 2,020 करोड़ रुपए है और वह कानपुर में छठवें नंबर पर आते हैं. उत्तर प्रदेश में उनका स्थान 22वें नंबर का है. वहीं, श्याम सुंदर शर्मा ग्रुप कानपुर में सातवें नंबर पर हैं और उत्तर प्रदेश में 30वें स्थान पर हैं, उनके पास 1,400 करोड़ रुपए की संपत्ति है. जागरण ग्रुप के वरिष्ठ महेंद्र मोहन गुप्ता भी कानपुर और उत्तर प्रदेश में अरबपतियों की श्रेणी में शामिल हैं, उनके पास 1,370 करोड़ रुपए की संपत्ति है. आपको बता दें कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मैगजीन हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट में आज कनपुरिया अरबपतियों का नाम शामिल किया गया है, जिसमें इन सभी का नाम आता है.