Uttar Pradesh

700 किलोमीटर की तेज राह…, गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे से अब सफर होगा फटाफट, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

गोरखपुर से पानीपत तक बनने वाला 700 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच विकास की नई राह खोलेगा. इस हाई-स्पीड कॉरिडोर से उद्योग, व्यापार और रोज़गार को नई उड़ान मिलेगी. 2026 में शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट से लाखों लोगों को फायदा होने की उम्मीद है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से शामली तक बनने वाले एक्सप्रेसवे को हरियाणा के पानीपत तक बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. यह प्रोजेक्ट न केवल दो राज्यों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी देगा, बल्कि रोजगार, उद्योग और व्यापार के नए अवसर भी खोलेगा. खास बात यह है कि यह नया एक्सप्रेस वे यूपी के 22 जिलों से होकर गुजरेगा.

700 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड कॉरिडोर जानकारी के मुताबिक, लगभग 700 किलोमीटर लंबा यह कंट्रोल एक्सप्रेसवे गोरखपुर को पानीपत से जोड़ेगा. प्रस्तावित योजना पर तेजी से काम चल रहा है और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है. इस एक्सप्रेसवे से पूर्वी उत्तर प्रदेश को हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर से सीधी और तेज कनेक्टिविटी मिलेगी. इससे यात्रियों की यात्रा आसान होगी और परिवहन में समय बचेगा.

औद्योगिक इकाइयों और श्रमिकों के लिए वरदान पानीपत क्षेत्र में कपड़ा, लकड़ी-फर्नीचर, कागज़ और कृषि आधारित उद्योगों की लगभग 4000 से अधिक इकाइयां सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में श्रमिक हरियाणा और दिल्ली में काम करने जाते हैं. ऐसे में यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ उनके लिए राहत का काम करेगा बल्कि उद्योगों को कच्चा माल लाने और माल भेजने में भी तेजी लाएगा.

छह लेन का होगा एक्सप्रेसवेयह एक्सप्रेसवे शुरुआत में चार से छह लेन का होगा और भविष्य में इसे आठ लेन तक बढ़ाने की योजना है. इसका निर्माण वर्ष 2026 में शुरू होने की संभावना है. यह मार्ग पूर्वी उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प, बुनकरी, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए वरदान साबित होगा. विशेष रूप से ‘एक जिला, एक उत्पाद (ODOP)’ योजना के ज़िलों को अपने उत्पादों को राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने में नई उड़ान मिलेगी.

रोजगार और विकास की नई राह गोरखपुर से पानीपत तक बनने वाला यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा और लाखों लोगों के लिए रोजगार और आर्थिक प्रगति का नया रास्ता खोलेगा. यह परियोजना यूपी के ग्रामीण इलाकों से लेकर औद्योगिक शहरों तक विकास की नई रोशनी फैलाएगी.

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